रायपुर-मुंगेली/ भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे नगर पालिका के अधिकारियों पर शासन-प्रशासन का नियंत्रण नगण्य माना जा सकता हैं, क्योंकि मुंगेली नगर पालिका में लंबे समय से भ्रष्टाचार और अनियमितता के मामले उजागर होते आये हैं, जिसके चलते नगर पालिका के अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों पर एफआईआर भी दर्ज हो चुका हैं, जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा। पुराने भ्रष्टाचार के घटनाक्रम के बाद भी नगर पालिका के अधिकारी अपने भ्रष्ट रवैये से बाज नहीं आ रहे।
आपको बता दे कि हाल ही में मुंगेली शहर में बिना निविदा व कार्यादेश के शासकीय संपत्ति से छेड़छाड़ कर उसके रूप में परिवर्तन करने का मामला सामने आया हैं जिसमें मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, कलेक्टर से लिखित शिकायत कर कड़ी कार्यवाही करने व प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की गई हैं।
लिखित शिकायत में बताया गया हैं कि मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत बने मुख्य मार्गो के डिवाईडरों में किसी ठेकेदार द्वारा बिना निविदा व कार्यादेश के उन डिवाईडरों में छबाई, प्लास्टर, पोताई, मरम्मत तथा लोहे के ग्रिल लगाने जैसा कार्य किया गया है, नगर पालिका के सामने के डिवाईडरों और पड़ाव चौक से रायपुर रोड खड़खड़िया नाला तक बने डिवाईडरों में यह कार्य हो रहा था जबकि इसका कोई निविदा प्रकाशन व कार्यादेश जारी नहीं हुआ हैं।
शिकायत में आगे बताया गया कि किसी अज्ञात ठेकेदार द्वारा डिवाईडरों में छबाई, प्लास्टर, पोताई, मरम्मत तथा लोहे के ग्रिल लगाने के कार्य में भारी अनियमितता बरती जा रही थी, जिसके चलते शहर की जनता में आकोश उत्पन्न होने लगा हैं। उसके बाद भी यह कार्य चलता रहा जब नपा से जानकारी मांगी गई तो ठेकेदार द्वारा कार्य बंद कर दिया गया।
शिकायत में कहा गया कि किसी ठेकेदार द्वारा शहर के इन डिवाईडरों में जो शासकीय संपत्ति है बिना किसी कार्यादेश व निविदा प्रकाशन के मरम्मत, लोहे के ग्रिल लगाने निर्माण, छबाई व पोताई कार्य कर शासकीय संपत्ति से छेड़छाड़ किया गया हैं, जो कि गंभीर अपराध हैं इसलिये इस कार्य का कभी किसी तरह भुगतान न किया जाये, मुंगेली की आम जनता द्वारा यह आशंका व्यक्त किया जा रहा है कि उक्त अवैध निर्माण व मरम्मत का भुगतान भविष्य में शहर के डिवाईडरों के मरम्मत, लोहे के ग्रिल लगाने निर्माण, छबाई व पोताई कार्य का स्टीमेट तैयार कर, निविदा प्रकाशन किया जा सकता हैं और निविदा के माध्यम से उसी ठेकेदार को उसका टेंडर देकर कार्यादेश किया जा सकता है ताकि अभी पूर्व के अवैध तरिके से डिवाईडरों में किये गये मरम्मत, लोहे के ग्रिल लगाने निर्माण, छबाई व पोताई कार्य का अवैध तरिके से भुगतान किया जा सके। उक्त संभावनाओं को लेकर शिकायत में निवेदन किया गया है कि भविष्य में अगर मुंगेली शहर के डिवाईडरों में मरम्मत, लोहे के ग्रिल लगाने निर्माण, छबाई व पोताई कार्य संबंधी किसी कार्य, निर्माण व मरम्मत तथा गौरव पथ सड़क निर्माण का निविदा प्रकाशन / टेंडर निकाला जाता है तो डिवाईडर में अवैध रूप से मरम्मत, लोहे के ग्रिल लगाने, छबाई व पोताई कार्य करने वाले ठेकेदार को उक्त टेंडर में भाग लेने अनुमति न दी जाये। साथ ही बिना कार्यादेश के अवैध व नियम विरूद्ध कार्य करने वाले वालों के उपर कड़ी कार्यवाही करते हुये प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज कराने की बात की गई। उक्त मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग (UAD), कलेक्टर और सीएमओ से भी की गई हैं।