नई दिल्ली
खाने-पीने की वस्तुओं और खासकर प्याज-टमाटर की कीमतों में तेज उछाल से खुदरा महंगाई सितंबर, 2024 में बढ़कर दो महीने बाद फिर आरबीआई के 4 फीसदी के दायरे बाहर निकलकर 5.03 फीसदी के स्तर पर पहुंच सकती है। इससे पहले जून में खुदरा महंगाई 5.08 फीसदी रही थी, जबकि जुलाई और अगस्त में यह घटकर क्रमशः 3.60 फीसदी एवं 3.65 फीसदी रही थी।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त के मुकाबले सितंबर में यानी एक महीने में खुदरा महंगाई में 1.38 फीसदी बढ़ सकती है। खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर भी 2.3 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 8 फीसदी के स्तर पर पहुंच सकती है। अगस्त में खाद्य महंगाई 5.7 फीसदी रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर, 2023 से जून, 2024 के बीच सब्जियों की महंगाई दर 27-30 फीसदी के दायरे में बनी हुई थी। इस साल जुलाई और अगस्त में यह घटकर क्रमशः 6.8 फीसदी और 10.7 फीसदी रह गई। इससे इन दोनों महीनों में खुदरा महंगाई में गिरावट देखने को मिली थी। सरकार 14 अक्तूबर को सितंबर के लिए खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी कर सकती है।
सितंबर के दूसरे पखवाड़े में टमाटर 10% महंगा
सीएमआईई के मुताबिक, जून से लगातार बढ़ रहे प्याज के दाम सितंबर में 13.4 फीसदी और बढ़ गए हैं। इस दौरान खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 36 रुपये से बढ़कर 51 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पहुंच गई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग (डीसीए) की ओर से जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि टमाटर की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन सितंबर के पहले पखवाड़े की तुलना में दूसरे में यह 10 फीसदी से अधिक महंगा हो गया है।
सब्जियों की कीमतों में आएगी मामूली गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा महंगाई में 1.2 फीसदी का योगदान देने वाली सब्जियों की कीमतों में सितंबर में मामूली कमी आने की उम्मीद है। कुछ सब्जियों के दाम घटे हैं। आलू की खुदरा कीमत कम हुई है। बैंगन, गोभी और भिंडी जैसी सब्जियों की मंडी कीमतों में भी सात फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। हालांकि, प्याज और टमाटर की कीमतों में तेज बढ़ोतरी से अन्य सब्जियों के दाम में गिरावट का असर कम हो सकता है।
दाल-फल के घटे हैं दाम
रिपोर्ट के मुताबिक, खरीफ की अच्छी फसल के कारण दालों की महंगाई घटने की उम्मीद है। इसकी महंगाई दर सितंबर में पिछले महीने के 13.6 फीसदी से घटकर 9.5 फीसदी रह सकती है। अनाज, मांस, फल, मसाले और चीनी पर महंगाई का दबाव कम हुआ है। तेल-वसा की महंगाई दर बढ़ सकती है।