सफलता की कहानी
वन स्टॉप सेंटर से मिली जीविका उपार्जन की राह
भोपाल
बालाघाट जिले में इन दिनों सड़कों पर एक महिला ई-रिक्शा चलाती नजर आती है। यह है वारासिवनी की 24 वर्षीय रश्मि बसेने (परिवर्तित नाम)। रश्मि के विवाह के कुछ दिन बाद ही पति और ससुराल वालों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया। दहेज को लेकर पति ने शराब के नशे में मार-पीट करना शुरू कर दिया था। इसी बीच रश्मि गर्भवती भी हो गई लेकिन पति के साथ ससुराल पक्ष द्वारा लगातार प्रताड़ित होती रही।
प्रताड़ना से रश्मि मानसिक तौर पर टूट गई थी। कुछ दिन बाद रश्मि तंग आकर अपने मायके आ गयी। उसने अपने पति के खिलाफ पुलिस में आवेदन किया। पुलिस द्वारा उसको वन स्टॉप सेंटर के बारे में जानकारी मिली। मार्च 2023 को रशिम को वन स्टॉप सेंटर भेजा गया। बालाघाट के वन स्टॉप सेंटर में रश्मि का पंजीयन किया गया और उनकी कई बार काउंसलिंग की गई। सेंटर में परामर्श मिलने के बाद रश्मि को मानसिक संबल मिला। जुलाई 2023 में उसके पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की एफआईआर वारासिवनी थाने में दर्ज की गई। वन स्टॉप सेंटर द्वारा न्यायालयीन एवं नि:शुल्क अधिवक्ता सहायता लेकर घरेलू हिंसा का प्रकरण न्यायालय में दर्ज कराया गया।
वन स्टॉप सेंटर द्वारा रश्मि को आर्थिक रूप से सशक्त करने एवं जीविका उपार्जन के लिये ई-रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। अब रश्मि ई-रिक्शा चलाती है और उससे होने वाली आय से अपना और अपनी बच्ची का भरण-पोषण कर रही है। वह कहती हैं कि वन स्टॉप सेंटर की मदद से पीड़ित जरूरतमंद महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनने के साथ स्व-रोजगार से जुड़ने के लिये विभिन्न विभाग और एनजीओ के समन्वय से विविध कौशल में प्रशिक्षण भी प्राप्त करती हैं।