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पुतिन से बोले बाइडेन- यूक्रेन पर हमला हुआ तो अमेरिका दृढ़ता से जवाब देगा

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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने इस बातचीत में यूक्रेन को लेकर चर्चा की है। व्हाइट हाउस ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक यह बातचीत करीब 62 मिनट तक चली है। एजेंसी के मुताबिक व्हाइट हाउस ने कहा कि शनिवार सुबह 11:04 बजे फोन कॉल पर बाइडेन की पुतिन के साथ बातचीत हुई।
इस बातचीत में बाइडेन ने पुतिन से कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का अंजाम ‘व्यापक मानवीय पीड़ा’ होगी। बाइडेन ने पुतिन को बताया कि अमेरिका यूक्रेन पर कूटनीति जारी रखेगा लेकिन ‘अन्य परिदृश्यों के लिए भी समान रूप से तैयार है’। बाइडेन ने पुतिन से दोबारा कहा है कि वो यूक्रेन सीमा के पास जुटे रूसी सैनिकों को वापस बुला लें। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि बाइडेन ने रूस को चेतावनी दी कि अगर वह यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी ” दृढ़ता से जवाब देंगे और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।”
कैदी साथी को अपने पास बुलावाया
इससे पहले व्हाइट हाउस ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि रूस यूक्रेन पर जल्द ही हमला कर सकता है। बाइडेन से बातचीत करने से पहले पुतिन ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से बातचीत की। मैक्रों संकट के समाधान के प्रयास के तहत इस सप्ताह के शुरू में पुतिन से मॉस्को में मिल भी चुके हैं। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है और पड़ोसी देश बेलारूस में युद्धाभ्यास के लिए अपने सैनिक भेजे हैं। हालांकि रूस लगातार इस बात से इनकार करता रहा है कि वह यूक्रेन पर आक्रमण करने वाला है। अमेरिका के विदेश विभाग के शनिवार को यात्रा परामर्श में कहा गया कि यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित दूतावास से अधिकतर अमेरिकी कर्मचारियों को वहां से हटने का आदेश दिया गया है। परामर्श में कहा गया है कि यूक्रेन में अमेरिकी लोगों को भी देश छोड़ देना चाहिए।
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शांति प्रदर्शित करने की कोशिश की। उन्होंने क्रीमिया के पास शनिवार को सैन्य अभ्यास देखा। रूस ने 2014 में क्रीमिया को अपना हिस्सा बना लिया था। जेलेंस्की ने कहा, ”हम डरते नहीं हैं, हम घबराए हुए नहीं हैं। सब चीज नियंत्रण में है।”
ब्रिटेन ने भी शनिवार को अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने को कहा। वहीं, संकट को और अधिक बढ़ाते हुए अमेरिकी रक्षा विभाग ने 3000 अतिरिक्त अमेरिकी सैनिक पोलैंड भेजने का आदेश दिया है। यूक्रेनी सेना को प्रशिक्षण देने वाले ब्रिटेन के सैनिकों ने भी देश छोड़ने की योजना बनाई है। जर्मनी, नीदरलैंड और इटली ने अपने नागरिकों से जल्द से जल्द वहां से निकलने को कहा है। कनाडा, नॉर्वे और डेनमार्क ने भी अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु ने भी शनिवार को टेलीफोन पर चर्चा की। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि खुफिया सूचना मिली है कि रूस बुधवार को हमला कर सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह सूचना कितनी पुष्ट है इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेन के आसपास रूस का सैन्य जमावड़ा उस बिंदु पर पहुंच गया है जहां से वह किसी भी समय आक्रमण कर सकता है। बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने यूक्रेन में रह रहे सभी अमेरिकी नागरिकों से अपील की है कि वे यूक्रेन से निकल जाएं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी नागरिकों को यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि रूसी हमले के बाद वायुसेवा या रेल परिवहन बाधित होने की स्थिति में उन्हें वहां से अमेरिकी सेना निकालकर लाएगी।