नई दिल्ली
सरकार ड्रोन क्षेत्र के लिए एक नई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लाने की योजना बना रही है। यह योजना कार्यान्वयन, दस्तावेजीकरण और अन्य पहलुओं के संदर्भ में अधिक प्रभावी होगी।
नागर विमानन सचिव वुमलुनमंग वुआलनाम ने कहा कि सरकार ड्रोन क्षेत्र में अगली पीएलआई योजना लाने का प्रयास कर रही है।
ड्रोन क्षेत्र के लिए पहली पीएलआई योजना 120 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2021 में लाई गई थी। तीन वित्त वर्षों (2021-24) के लिए लाई गई यह योजना अब बंद हो गई है।
नागर विमानन सचिव ने स्वीकार किया कि पहली योजना के तहत कुछ प्रक्रियाएं ड्रोन क्षेत्र में स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के लिए बोझिल थीं, लेकिन सरकार कार्यान्वयन, दस्तावेजीकरण और अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं के संदर्भ में अधिक कुशल पीएलआई योजना पर विचार करेगी।
वुआलनाम के अनुसार, ड्रोन क्षेत्र को तीन खंडों- नागरिक उपयोग, सुरक्षा/रक्षा बलों द्वारा उपयोग, तथा ड्रोन के अवैध या अनियमित उपयोग में विभाजित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमें इस बारे में बहुत स्पष्ट होना होगा कि हम इन तीनों क्षेत्रों में कैसे काम करते हैं।”
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ड्रोन के गलत उपयोग की कुछ घटनाएं युवाओं, स्टार्टअप और महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा ड्रोन का अधिक उपयोग किए जाने में बाधा बन सकती हैं।
उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि… ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकियां विकसित की जा रही हैं।”
फिक्की ने एक परिचर्चा पत्र में सुझाव दिया है कि नई योजना के अंतर्गत परिव्यय को बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये किया जाना चाहिए, ताकि स्टार्टअप और नए उद्यमियों को अधिक स्वदेशी कलपुर्जों और उप-प्रणालियों के साथ ड्रोन विकसित करने में सहायता मिल सके।
नागर विमानन सचिव ने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत 3,000 और ड्रोन खरीदने के लिए निविदाएं तैयार हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कृषि ड्रोन प्रदान करना है और 15,000 ड्रोन महिलाओं के नेतृत्व वाले एसएचजी को दिए जाएंगे।
वुआलनाम ने कहा कि 1,000 ड्रोन की पहली खेप को हासिल कर लिया गया है और वितरित कर दिया गया है। योजना के तहत 3,000 ड्रोन के लिए निविदाएं तैयार हैं और संबंधित एजेंसियों द्वारा जल्द ही जारी की जाएंगी।