Home छत्तीसगढ़ श्री शंकरा एजुकेशन मैनेजमेन्ट बोर्ड भंग करने का दावा?

श्री शंकरा एजुकेशन मैनेजमेन्ट बोर्ड भंग करने का दावा?

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3 सदस्यीय कमेटी करेगी संचालन – जी.रविराजा
भिलाईनगर।
श्री शंकरा एजुकेशन सोसायटी का बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट को भंग किया गया और तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। तीन सदस्यों में जी.रवि राजा, आर.रामानुजम, एस.आर.भट्टाचार्य शामिल हैं। इस आशय की जानकारी पत्रकार वार्ता में जी.रविराजा ने देते हुए बताया कि, श्री शंकरा एजुकेशन सोसायटी में लाखों रूपये के घपला है जो वर्तमान कमेटी बैठी थी वह अवैध है उसे संस्थापक सदस्यों ने भंग कर दिया है। सोमवार को जिलाधीश एवं जिला शिक्षा अधिकारी को इससे अवगत करा दिया जायेगा। हमारी माँग है कि, शासन इस स्कूल को अपने हाथ में लेकर संचालित करे और जिम्मेदार व्यक्ति से अब तक की स्कूल की गतिविधियों की विस्तार से जाँच करवाये। स्कूल में मैनेजमेन्ट द्वारा शिक्षकों एवं स्टाफ का शोषण किया जा रहा है जिस शिक्षक द्वारा भी इसकी आवाज उठाई जाती है उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
जी.रविराजा ने पत्रकारों को बताया कि, श्री शंकरा एजुकेशन सोसायटी के नियमावली कंडिका 11बी के तहत आज इंडियन कॉफी हाऊस सेक्टर 10 में आवश्यक निर्णय लेते हुए असाधारण आम सभा बुलायी गई थी। संस्था के हित एवं बच्चों की परीक्षा को देखते हुए यह मीटिंग स्कूल के बाहर बुलायी गई थी, जिसमें संस्था में काबिज सदस्यों को विधिवत् नोटिस भेजी गई थी। संस्था में उपस्थित वर्तमान 34 अवैध सदस्य मीटिंग में उपस्थित नहीं हुए। संस्था के नियमावली कंडिका 11डी के तहत सदस्यों के उपस्थित नहीं होने के कारण 60 मिनट के लिए मीटिंग को स्थगित किया गया। उसके बाद 12 बजे एजेण्डा के अनुसार प्रत्येक बिन्दु पर चर्चा की गयी। वर्तमान में एस.स्वामीनाथन के द्वारा कलेक्टर तथा डी.ई.ओ. के आदेश का पालन नहीं करने, गलत ढंग से अल्का माथुर एवं निरूपम तालुकदार को स्कूल से निकाले जाने एवं कोनारी गाँव में 3 करोड़ 48 लाख की जमीन खरीदे जाने पर, जिसे 4 साल तक बिना किसी उपयोग के छोडक़र संस्था को करोड़ों रूपये का नुकसान पहुँचाने पर चर्चा की गई। साथ ही एस.स्वामीनाथन के द्वारा अवैध सदस्यों को संस्था में रखकर संस्था को नुकसान पहुँचाने पर चर्चा की गई।
सभी बिन्दुओं पर चर्चा के पश्चात् सभी सदस्यों ने एकमत होकर वर्तमान बोर्ड ऑफ मैनेजमेन्ट को भंग करने का निर्णय दिया गया जिसमें सभी सदस्यों ने सहमति जतायी। संस्था को विधिवत् रूप से चलाने क लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। यह कमेटी संस्था की देखरेख करेगी।