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सुजल-शक्ति अभियान: जल-जीवन मिशन में जल संरक्षण और सामुदायिक सहभागिता का अनूठा प्रयास

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भोपाल
जल-जीवन मिशन के तहत "सुजल-शक्ति अभियान" में “जल हमारा-जीवन धारा’’ थीम पर आयोजन किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में सतत् और सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने, जलापूर्ति प्रणालियों को सुदृढ़ बनाने और जल संरक्षण में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिये 5 दिवसीय सुजल-अभियान चलाया गया। इसके तहत ग्रामीणों को जल-संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। ग्रामीणों ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर सहभागिता की।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और अन्य संबंधित विभागों के समन्वय से इस अभियान का सफल संचालन हुआ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके के निर्देशन और सचिव श्री पी. नरहरि की सतत् मॉनीटरिंग में जल आपूर्ति योजनाओं की समीक्षा, जल गुणवत्ता परीक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

पांच दिवसीय कार्यक्रम और सामुदायिक सहभागिता

अभियान के पांचों दिन विशेष गतिविधियों में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़ कर सहभागिता की।

1. अमृत-धारा दिवस– जल स्रोतों की सफाई, पंप हाउस की देखरेख और जल भराव की समस्याओं का समाधान किया गया।

2. श्रम धारा दिवस- ग्रामीणों ने जल स्रोतों के आसपास श्रमदान किया और पानी की सुरक्षा और सफाई के लिए सामूहिक रूप से श्रम योगदान दिया। इस दिवस पर जल आपूर्ति प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए मरम्मत कार्य और जल भराव की समस्याओं का समाधान किया गया। ग्रामीणों ने जल स्रोतों की सफाई और जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भागीदारी निभाई।

3. शुद्ध-धारा दिवस– फील्ड टेस्ट किट (FTK) का उपयोग कर जल गुणवत्ता की जांच की गई और स्वच्छता सुनिश्चित की गई।

4. दस्तक-धारा दिवस– घर-घर जाकर ग्रामीणों को जल संरक्षण और जलकर भुगतान के प्रति नागरिकों को जागरूक किया गया।

5. निरंतर-धारा दिवस– दीर्घकालिक जल आपूर्ति योजनाओं की समीक्षा और जल-सैनिक नंबर 1 पुरस्कार प्रदान किया गया।

"हम जल साथी" अभियान में उन परिवारों को सम्मानित किया गया जिन्होंने जल प्रबंधन में उत्कृष्टता दिखाई। इसके अलावा, पंचायत भवनों में जल गुणवत्ता रिपोर्ट प्रदर्शित की गई, जिससे ग्रामीण समुदाय को जल स्रोतों की स्थिति और उसकी गुणवत्ता की जानकारी मिल सके। ग्राम, जल एवं स्वच्छता समिति, स्व-सहायता समूहों और स्थानीय तकनीशियनों की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अभियान का समापन और दीर्घकालिक जल आपूर्ति योजनाएं
गांधी जयंती के अवसर पर 28 सितम्बर से 2 अक्टूबर के बीच चले सुजल-अभियान का 'निरंतर-धारा दिवस' के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर पीएचई सचिव श्री नरहरी ने भोपाल जिले के ग्राम बिलखिरिया में जल-सैनिक नंबर-1 को पुरस्कार प्रदान किया और ग्रामीणों ने दीर्घकालिक जल संरक्षण के प्रति संकल्प लिया।

अभियान के समापन पर गांवों की जल आपूर्ति योजनाओं की समीक्षा की गई और दीर्घकालिक कार्य योजना तैयार की गई। पंचायत प्रतिनिधियों, ग्राम जल और स्वच्छता समिति, पंप ऑपरेटरों और ग्रामीण समुदाय के सहयोग से यह अभियान जनसहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण बना। इससे भविष्य में जल संकट से निपटने के स्थायी समाधान खोजे जा सकेंगे।

अभियान, जल-जीवन मिशन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
"सुजल-शक्ति अभियान" ने ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण और सामुदायिक जागरूकता की मिसाल कायम की। इस अभियान से जल आपूर्ति प्रणालियों में सुधार हुआ और ग्रामीणों में जल संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की भावना बढ़ी।