कराची
पाकिस्तान में कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जोरदार धमाका हुआ है। इसकी चपेट में आने से 3 विदेशी नागरिकों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हैं। मृतकों में चीन के 2 श्रमिक भी शामिल हैं। चीनी दूतावास ने बयान जारी कर बताया कि पोर्ट कासिम इलेक्ट्रिक पावर लिमिटेड कंपनी के कर्मचारियों को ले जा रहे काफिले पर देर रात करीब 11 बजे हमला हुआ, जिसमें 2 चीनी नागरिक मारे गए और एक अन्य घायल हो गया। उसने बताया कि इस हमले में पाकिस्तानी नागरिक भी घायल हुए हैं। घायलों में पुलिस अधिकारी भी शामिल होने की जानकारी भी सामने आई है।
हमले के वीडियो में कारों से आग की लपटें और घटनास्थल से धुएं का गुबार उठता दिखाई दे रहा है। घटनास्थल पर भारी संख्या में सैन्यकर्मी तैनात थे और इस इलाके को चारों ओर से घेर लिया गया है। नागरिक उड्डयन विभाग के एक कर्मचारी राहत हुसैन ने बताया कि विस्फोट इतना भीषण था कि इससे हवाई अड्डे की इमारतें हिल गईं। डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल अजफर महेसर ने बताया, 'शुरुआती जानकारी मिली है कि एक तेल टैंकर में आग लग गई जो कई दूसरे वाहनों में फैल गई। इससे बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। हम यह निर्धारित कर रहे हैं कि क्या इसमें आतंकवाद का कोई तत्व शामिल था। फिलहाल ऐसी आशंका को हम खारिज नहीं कर सकते हैं।'
'विदेशियों को निशाना बनाकर किया गया विस्फोट'
प्रांतीय गृह मंत्री जिया उल हसन ने स्थानीय टीवी चैनल जियो को बताया कि विस्फोट विदेशियों को निशाना बनाकर किया गया था। मालूम हो कि पाकिस्तान में हजारों चीनी कर्मचारी हैं। इनमें से अधिकतर कर्मचारी चीन की अरबों डॉलर की उस ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल के लिए काम कर रहे हैं, जो दक्षिण और मध्य एशिया को चीनी राजधानी से जोड़ने के लिए शुरू की गई है। चीन के बयान में विस्फोट को आतंकवादी हमला बताया गया है। साथ ही, कहा गया कि चीन इसके बाद की स्थिति से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहा है। चीन ने इस हमले की गहन जांच किए जाने की मांग की है, ताकि अपराधियों को पकड़ा जा सके और पाकिस्तान में चीनी नागरिकों से सुरक्षा संबंधी सावधानी बरतने को कहा है।
पाकिस्तानी में चीनियों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता
चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘पाकिस्तान में चीनी दूतावास और महावाणिज्य दूतावास इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। दोनों देशों के निर्दोष पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।’ कराची में यह टारगेट किलिंग ऐसे समय हुई है, जब पाकिस्तान सरकार ने चीनियों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों के लिए 45 अरब रुपये का अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराने का फैसला किया। नकदी की कमी से जूझ रहे देश में चीन के वाणिज्यिक हितों की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर बाड़ लगाने का प्रबंधन करने की उसकी क्षमता को मजबूत करना इसक मकसद है। 45 अरब रुपये में से 35.4 अरब रुपये सेना को और 9.5 अरब रुपये नौसेना को विभिन्न उद्देश्यों के लिए दिए जाएंगे। चीन ने पाकिस्तान में पहले से काम कर रहे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त कंपनी की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा है।