मुंगेली/ विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बदलते ही अधिकारियों का भी रुख बदलना स्वाभाविक हैं, और सत्तापक्ष के प्रति प्रेम, स्नेह और लगाव होना भी स्वाभाविक हैं, साथ ही कुछ अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री या अन्य मंत्रियों के सामने उनका चहेता बनने का प्रयास भी करते रहते हैं जिसके चलते मंत्रियों के बंगले में आमद देना, उनके शहर आगमन पर जीहुजूरी करते हुए नेताओं सा स्वागत करना भी इसी का हिस्सा माना जा सकता हैं ! सत्ता बदलते ही कुछ अधिकारियों का मंत्रियों के प्रति इतना प्रेम व लगाव देखने को मिला कि वे खुद को मंत्रियों का खास होने का ढिंढोरा पीटने लगे।
राजनीतिक जानकारों का कहना हैं कि किसी भी राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के बाद बहुत सारे विभागों, जिलों में अधिकारियों को बदलने की कवायद शुरू हो जाती हैं, परंतु कुछ तथाकथित अधिकारियों द्वारा एक डीलिंग के तहत किसी न किसी माध्यम से अपने आपको मलाईदार जगह में बने रहने सफलता हासिल कर लिया जाता हैं।
फिलहाल अभी हम मुंगेली की बात करें तो मुंगेली की जनता मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनुभव सिंह की निष्क्रियता, भ्रष्ट कार्यशैली और कार्यालय में अनुपस्थिति से बहुत ही आक्रोशित हैं। मुंगेलीवासियों ने कहा कि सीएमओ अनुभव सिंह लगातार अपने कार्यालय से अक्सर नदारद रहते हैं, जब शहर के समस्या-ग्रस्त नागरिक नगर पालिका कार्यालय में सीएमओ से मिलने जाते हैं तो सीएमओ अनुभव सिंह अधिकांश समय दफ्तर से गायब रहते हैं, स्टॉप द्वारा भी कोई सटीक व सही जवाब नहीं दिया जाता, उनके द्वारा कभी मीटिंग, कभी हाईकोर्ट, कभी फील्ड में, कभी मीटिंग में, कभी अवकाश, तो कभी चुनाव संबंधी कार्यों में सीएमओ का व्यस्त होना बताया जाता हैं, जिससे आम नागरिक के समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता, और वह परेशान होकर सरकार को कोसता रहता हैं।
नाम न बताने की शर्त पे कुछ लोगों द्वारा बताया गया कि भवन अनुज्ञा के नाम पर उनकी फाईल रोक दी जाती हैं और उनसे बड़ी रकम की मांग की जाती हैं, जिसके चलते किसी नेता के साये में उनके द्वारा निर्माण कार्य बिना अनुमति के शुरू कराया गया हैं।
फिलहाल अब सोचने वाली बात यह हैं कि लोकसभा चुनाव होने के बाद भी सीएमओ अनुभव सिंह कार्यालय से आखिर क्यों गायब रहते हैं ? मुंगेलीवासियों में यह चर्चा का विषय बना हुआ हैं कि सीएमओ अनुभव सिंह उपमुख्यमंत्री अरुण साव के खास होने का धौंस दिखाते हुए मनमानी कर रहे हैं ? क्योंकि उपमुख्यमंत्री पद के शपथ के बाद अरुण साव जब पहली बार मुंगेली आये थे तो उनके स्वागत में किसी अज्ञात ठेकेदार द्वारा शासकीय संपत्ति, शहर के डिवाईडरों में पोताई, छबाई, मरम्मत और लोहे के ग्रील लगाने जैसे कार्य बिना किसी निविदा प्रकाशन और बिना कार्यादेश के किया गया, उसके बाद भी सीएमओ अनुभव सिंह द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, जो सीएमओ के भ्रष्टाचार और उपमुख्यमंत्री अरुण साव के प्रति प्रेम, समर्पण और भक्ति को दर्शाता हैं।
सुत्रों के हवाले से यह भी खबर मिली हैं कि शहर में जो 3 बड़े डील होने का जो हल्ला हैं उसमें जनप्रतिनिधियों, नेताओं और पत्रकारों के सवालों से बचने की उनके द्वारा कोशिश की जा रही ? ये सारे प्रश्न शहर की जनता ने शासन-प्रशासन से पूछा हैं।
मुंगेलीवासियों के बताए अनुसार जबसे मुंगेली में अनुभव सिंह सीएमओ के रूप में पदस्थ हुए हैं शहर की दुर्गति हुई हैं और इनकी जब मुंगेली में सीएमओ के रूप में पदस्थापना हुई तो कांग्रेस सरकार थी, उस समय से सीएमओ अनुभव विवादित रहे हैं पर सबसे ताज्जुब बात तो यह हैं कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद जब मार्च 2024 में 2 दर्जन से अधिक मुख्य नगर पालिका के अधिकारियों का तबादला हुआ तो मुंगेली के विवादित सीएमओ यथावत रहे जबकि मुंगेलीवासी सीएमओ अनुभव सिंह से त्रस्त हैं।
नगर पालिका के भ्रष्टाचार, अनियमितता और साथ ही तालाब और नाले में हो रहे कब्जे पर भी जल्द खुलासा किया जाएगा….आगामी अंक में…