चंडीगढ़
केंद्र सरकार के तहत आने वाली प्रमुख जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में स्टाफ की भारी कमी है। इससे उसकी जांच की गति प्रभावित हो रही है। यह कबूलनामा खुद सीबीआई ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में किया है। पिछले दिनों सीबीआई ने हाई कोर्ट को सौंपे हलफनामे में कहा कि वह 'कर्मचारियों की भारी कमी' का सामना कर रही है। इसके बाद कोर्ट ने हरियाणा सरकार को अपने अधिकारी सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर भेजने का निर्देश दिया है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने अपने फैसले में कहा, "हरियाणा सरकार को केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा की जाने वाली जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रैंक के एक जांच अधिकारी और ASI रैंक के दो व्यक्तियों को तैनात करने का निर्देश दिया जाता है।" हाई कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार से मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख से पहले तलब की है।
हाई कोर्ट ने ये आदेश तब दिया, जब वह हरियाणा राज्य की संपत्ति के निपटान को सुनिश्चित करने और नगर परिषद के राजस्व के दुरुपयोग को सुनिश्चित करने में लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए जांच एजेंसी द्वारा की गई खामियों की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मामले में दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि आरोपों की स्वतंत्र रूप से जांच करने की जरूरत है।
इसके बाद जस्टिस भारद्वाज ने सीबीआई को मामले की जांच करने को कहा और चार महीने के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया लेकिन सीबीआई ने कोर्ट में स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए जांच से अपनी असमर्थता जाहिर की। सीबीआई ने कहा कि उसके पास पर्याप्त अधिकारी नहीं हैं, इसलिए राज्य सरकार को एक डीएसपी और दो एएसआई रैंक के अधिकारी प्रतिनियुक्त करना के निर्देश दिया जाय। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन अधिकारी सीबीआई के देने का आदेश दिया। कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार को ताकीद किया कि वैसे ही अधिकारी सीबीआई के दिए जाएं जो पहले ये अभी किसी भी तरह जांच से जुड़े ना रहे हों।