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एलएसी पर स्थिति स्थिर, लेकिन सामान्य नहीं : सेना प्रमुख

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नई दिल्ली
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के मुताबिक चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति स्थिर, लेकिन सामान्य नहीं है। दिल्ली कैंट में मंगलवार को चाणक्य रक्षा संवाद में बोलते हुए, जनरल द्विवेदी ने यह बात कही। डिफेंस डायलॉग के दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। इसके साथ ही सेना प्रमुख ने यह भी बताया कि भारत किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार है।

गौरतलब है कि मई 2020 में भारत चीन सीमा पर सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था। जनरल द्विवेदी ने बताया कि भारत का लक्ष्य मई 2020 में शुरू हुए सैन्य गतिरोध से पहले की स्थिति को बहाल करना है। इसमें लैंड ऑक्यूपेशन, बफर जोन और पेट्रोलिंग की स्थितियों को पहले की स्थिति में बहाल करना है।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि जब तक उस स्थिति की बहाली नहीं हो जाती, वहां स्थिति संवेदनशील बनी रहेगी। सीमा पर चीन के संदर्भ में जनरल द्विवेदी ने कहा, “स्थिति स्थिर है, लेकिन सामान्य नहीं है और संवेदनशील है। अगर ऐसा है तो हम क्या चाहते हैं, हम चाहते हैं कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल हो। चीन के साथ, आपको प्रतिस्पर्धा, सहयोग, सह-अस्तित्व, टकराव और प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। इसलिए जब तक वह स्थिति बहाल नहीं हो जाती, जहां तक हमारा सवाल है, स्थिति संवेदनशील रहेगी और हम (सेना) किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”

जनरल द्विवेदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच चल रही कूटनीतिक वार्ता के बावजूद, किसी भी समझौते का क्रियान्वयन जमीन पर सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कूटनीतिक वार्ता से सकारात्मक संकेत मिले हैं। बावजूद इसके अभी तक सेनाओं की पूरी तरह से वापसी नहीं हो सकी है।

चीन के साथ सीमा मुद्दे पर चर्चा करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि हम चाह रहे हैं कि अप्रैल 2020 से पहले जो स्थिति थी, वह बहाल हो। इसलिए जब तक वह स्थिति बहाल नहीं हो जाती, जहां तक हमारा सवाल है, स्थिति संवेदनशील बनी रहेगी और हम पूरी तरह से परिचालन के लिए तैयार हैं।

वहीं चीन द्वारा आधुनिक सीमावर्ती गांव बसाए जाने की भी खबर है। आर्मी चीफ ने भारतीय सीमावर्ती गांवों के विषय में कहा कि हमारे देश में इस तरह के मॉडल विलेज बनते आ रहे हैं। अब राज्य सरकारों को भी संसाधन जोड़ने का अधिकार है। अब सेना, राज्य सरकारें और केंद्र सरकार की निगरानी सब एक साथ जारी है, इसलिए अब जो नए मॉडल विलेज बन रहे हैं, वे और भी बेहतर होंगे।

जम्मू-कश्मीर पर आर्मी चीफ ने कहा कि आर्टिकल 370 हटने के बाद अब वहां स्कूली बच्चों को मालूम हैं कि उन्हें कौन सा झंडा ड्रॉ करना है। भारतीय सेना प्रमुख का कहना है कि उन्हें लगता है कि हम शांति और समृद्धि की तरफ अग्रसर हैं।