भुवनेश्व
ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिदा ने बताया कि राज्य सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को दिए जाने वाले ‘छटुआ’ (खाद्य पदार्थ) की जगह बाजरा जैसा कुछ पौष्टिक भोजन देने पर विचार कर रही है।
कई विधायकों ने राज्य के विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को कम गुणवत्ता वाला ‘छटुआ’ दिए जाने पर विधानसभा में आपत्ति जताई थी।
विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने भी आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को घटिया गुणवत्ता वाला ‘छटुआ’ उपलब्ध कराने वाली एजेंसियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर परिदा से एक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था।
परिदा के पास महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रभार भी है। उन्होंने पोषण माह-2024 के मौके पर भुवनेश्वर में आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा कि पोषण, कुपोषण और एनीमिया में क्षेत्रीय अंतर हैं।
उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनवाड़ी के बच्चों को क्षेत्र-विशिष्ट भोजन उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है और जिन स्थानों पर बाजरे का उत्पादन हो रहा है वहां यह वैकल्पिक भोजन हो सकता है।
परिदा ने कहा कि उनका विभाग इस संबंध में पोषण विशेषज्ञों से भी सलाह लेगा।