तेल अवीव
तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने गाजा और लेबनान में इजरायल के हमलों को तुरंत रोकने की अपील की है। एर्दोगन ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अगर गाजा और लेबनान में इजरायल के हमलों को रोकने में कामयाब नहीं हो रही है तो फिर इससे आगे बढ़ते हुए कदम उठाए जाएं। इजरायल नहीं रुक रहा है तो संयुक्त राष्ट्र महासभा को तुरंत 1950 में पारित प्रस्ताव के मुताबिक इजरायल के खिलाफ सेना के इस्तेमाल की सिफारिश करनी चाहिए।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार अंकारा में एक कैबिनेट बैठक के बाद एर्दोगन ने कहा, 'अगर सुरक्षा परिषद जरूरी इच्छाशक्ति नहीं दिखाती है, तो संयुक्त राष्ट्र महासभा को बल के उपयोग की सिफारिश करने के अधिकार को तेजी से लागू करना चाहिए। एर्दोगन ने कहा कि गाजा में इजरायल ने भारी तबाही मचाई और अब वही लेबनान में शुरू हो गया है। ये सब रुकना बहुत ज्यादा जरूरी है।'
'दूसरे मुस्लिम देश भी बनेंगे इजरायल का निशाना'
एर्दोगन ने इस दौरान कहा कि हमारे क्षेत्र में रहने वाले सभी मुस्लिम, यहूदी और ईसाइयों के लिए हम शांति की चाह रखते हैं। हम शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मुस्लिम दुनिया से एकजुट होने का आह्वान करते हैं। एर्दोगन ने कहा कि इजरायल का आक्रामक रवैया बढ़ता जा रहा है, अगर उसे जल्दी नहीं रोका गया तो उसके हमले दूसरे मुस्लिम देशों को भी निशाना बनाएंगे।
उत्तर कोरिया के प्रतिनिधि किम सोंग ने भी इजरायल के हमलों की आलोचना की है। सोंग ने न्यूयॉर्क में यूएनजीए के 79वें सत्र में कहा कि यह कल्पना करना भी मुश्किल लगता है कि एक देश (इजरायल) गाजा में भयानक नरसंहार करने के बाद भी किसी भी तरह की निंदा और मंजूरी से अछूता है। ऐसा उसको अमेरिका के संरक्षण की वजह से है।
इजरायल ने लेबनान में शुरू किया जमीनी आक्रामण
इजरायली रक्षा बलों ने लेबनान में भीषण बमबारी के बाद जमीनी हमला भी शुरू कर दिया है। मंगलवार को आईडीएफ ने कहा कि उसके सैनिकों ने हिजबुल्लाह की साइटों को टारगेट करने के लिए लेबनान की सीमा पार की है। आईडीएफ का कहना है कि उसकी सैनिक दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर लक्षित जमीनी हमले कर रहे हैं। इयरायली सेना ने ऐसे संकेत दिए हैं, जिनसे लगता है कि आने वाले दिनों में हमले बढ़ सकते हैं।