कोलकाता
रविवार को कोलकाता के जादवपुर इलाके में आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत विरोधी नारे भी गूंजे। निकाले गए एक विरोध मार्च के दौरान ‘कश्मीर मांगे आजादी’ का नारा सुनाई दिया। इस सिलसिले में पहले अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था। अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है। बताया जा रहा है कि भारत विरोधी नारे लगाए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय हरकत में आ गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को जांच के आदेश दिए। सोमवार को इस मामले पर शुरुआती रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है, जिसमें विरोध प्रदर्शन के आयोजकों की पहचान, नारे लगाने वाले व्यक्तियों का संबंध और इस पूरे घटनाक्रम के पीछे की साजिश को लेकर तथ्य शामिल किए गए हैं।
इस विरोध मार्च का आयोजन आरजी कर हॉस्पिटल की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए किया गया था। अलग-अलग बैनरों के तहत प्रोटेस्ट कर रहे थे लेकिन अचानक से 'कश्मीर मांगे आजादी' जैसे नारे गूंजने लगे। इन नारों के चलते कोलकाता पुलिस ने पाटुली थाने में देशद्रोह का मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में 15-20 लोगों को चिह्नित कर उनकी फोटो और विस्तृत जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई है। इन लोगों में कुछ जादवपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र भी शामिल हैं, जिन पर पहले भी पश्चिम बंगाल में देशविरोधी आंदोलनों में शामिल होने के आरोप लगे हैं।
गृह मंत्रालय को आशंका है कि इस नारे के पीछे किसी बड़ी साजिश का हाथ हो सकता है। क्योंकि कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए के हटने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं और ऐसे में देश के एक सुदूर हिस्से से इस प्रकार के नारे लगने को लेकर सरकार गंभीर है। जांच के तहत यह पता लगाया जा रहा है कि क्या इन नारों का संबंध कश्मीर में किसी संगठन से है, जो कि केंद्र के लिए चिंता का विषय बन चुका है। इसके अलावा, हाल ही में बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से केंद्र पश्चिम बंगाल पर विशेष नजर बनाए हुए है। ऐसे में केंद्र सरकार किसी भी देशविरोधी तत्व को बंगाल में उभरने का मौका देने के मूड में नहीं है।