मुजफ्फरपुर.
बागमती और बूढ़ी गंडक नदी के उफान से मुजफ्फरपुर जिले के औराई, कटरा, गायघाट और मीनापुर प्रखंडों में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है, जिससे सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है और खेतों में खड़ी फसलें डूबने लगी हैं।
लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं, जबकि जिला प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। ताजा मामला औराई प्रखंड के बेदौल इलाके का है, जहां बाढ़ में फंसी एक गर्भवती महिला को एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित निकाला और अस्पताल पहुंचाया। बाढ़ के पानी के बीच फंसी इस महिला को बचाने के बाद इलाके में राहत की सांस ली जा रही है। स्थानीय लोग एसडीआरएफ की टीम की तेजी से किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना कर रहे हैं।
बागमती नदी से बाढ़ का कहर
बागमती नदी के कारण औराई, कटरा और गायघाट प्रखंड के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं। जिला प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटा हुआ है और एसडीआरएफ की टीमें मोटर बोट से बाढ़ में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। बाढ़ से प्रभावित लोग ऊंचे स्थानों पर मवेशियों और परिवार के साथ शरण लिए हुए हैं। जिला प्रशासन की ओर से प्रभावित इलाकों में कम्युनिटी किचन शुरू कर दिए गए हैं, ताकि लोगों को खाने-पीने की किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
जिला प्रशासन की सक्रियता
डीएम सुब्रत सेन ने लगातार क्षेत्रों का निरीक्षण किया और संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की राहत और बचाव कार्य में दिक्कत न हो। प्रशासन के आदेश पर कम्युनिटी किचन का संचालन तेजी से किया जा रहा है और बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
मीनापुर में कटाव से सड़कें क्षतिग्रस्त
बागमती नदी के बाद अब बूढ़ी गंडक नदी भी रौद्र रूप धारण कर चुकी है। मीनापुर प्रखंड के मदारीपुर कर्ण इलाके में बाढ़ के कारण सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। वार्ड नंबर 13 और 14 में बाढ़ के पानी के तेज बहाव से सड़क मार्ग टूट गया, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। बाढ़ के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है और पानी तेजी से खेतों और घरों में घुसने लगा है।
बढ़ता जा रहा जलस्तर
लगातार बारिश और नेपाल के तराई क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि फिलहाल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन पानी में निरंतर वृद्धि के कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिले के बोचहा और मुरौल प्रखंड क्षेत्रों में भी जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है।