दुर्ग। ग्रामीण क्षेत्र में उतई, अंडा और बोरसी के बीच अनेक सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है जिसके दायरे में अनेक गांव के प्रचलित आबादी के अनेक मकान आ रहे हैं, सड़क निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग द्वारा राजस्व विभाग से सीमांकन और सर्वे कराये बिना ही प्रचलित आबादी में प्रस्तावित सड़क का चिंहांकन करके अनेक लोगों को अवैध कब्जाधारी बताकर कब्जा हटाने की नोटिस थमा दिया था जबकि ग्रामीण पंचायती क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने का अधिकार राजस्व विभाग को है लोक निर्माण विभाग को अधिकार ही नहीं है, वैसे भी घोषित प्रचलित आबादी क्षेत्र में कब्जाधारी को अतिक्रमण कारी नहीं बल्कि भूस्वामि हक माना गया है,
नियमानुसार सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले प्रचलित आबादी के प्रभावित कब्जाधारियों की जमीन और मकान का अधिग्रहण करने के लिये सर्वे करके भू अर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही किया जाकर कलेक्टर दर से 4 गुना मुआवजा राशि और मकानों के लिये क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जान था किंतु सड़क निर्माण करने वाले लोक निर्माण विभाग ने नियम कानून का पालन न करके दबावपूर्वक और दहशत पैदा करके प्रचलित आबादी क्षेत्र के कब्जाधारियों को अपने मकान तोड़कर कब्जा छोडऩे के लिये मजबूर कर दिया यहां तक कि सड़क का सीमांकन किये बिना ही लगानी भूमि को भी सरकारी बताकर किसानों को मुआवजा के उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया है,
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने प्रचलित आबादी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित ग्रामीणों और किसानों को विधि सम्मत मुआवजा राशि दिलाने के लिये अभियान छेड़ दिया गया है, प्रभावित ग्रामीणों और किसानों से अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष मुआवजे के लिये आवेदन जमा कराये गये हैं और सड़क और न्यायालय में लड़ाई लडऩे का बीड़ा उठाया है, इसी कड़ी में अंडा में प्रदर्शन करने के बाद छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने शुक्रवार 11 फरवरी को उतई में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।