नई दिल्ली
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर कश्मीर राग अलापने और भारत से चुनौती का रोना रोने के बाद भारत ने भी जमकर फटकार लगाई है। शहबाज शरीफ ने यूएन के मंच पर एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला और आरोप लगाया कि उसे भारत की ओर से धमकी मिलती रहती है। इसके बाद यूएन में भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंद ने यूएनजीए में राइट ऑफ रिप्लइ का इस्तेमाल करते हुए फिर से दुनिया के सामने आतंक के पर्याय बने पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया। उन्होंने कहा कि दुनियाभर की आतंकी घटनाओं में जिस देश के फिंगरप्रिंट शामिल हैं, जिसने बांग्लादेश में नरसंहार करवाया आखिर वह इस तरह का मजाक यूएन के मंच से कैसे कर सकता है।
भारत ने यूएनजीए में कहा, इस सभा को आज सुबह ही दुर्भाग्यपूर्ण रूप से एक उपहास का गवाब बनना पड़ा। दुनियाभर में आतंक का पर्याय, ड्रग्स तस्करी के लिए पहचाने जाने वाले देश ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है। उन्होंने कहा, मैं भारत के बारे में दिए गए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण की बात कर रही हूं। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान लंबे समय से सीमापार आतंक में नामी है और पड़ोसी के खिलाफ आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है।
उन्होंने आगे कहा, हमारी संसद पर हमला, मुंबई में आतंकी हमला, तीर्थयात्रियों पर आतंकी हमला। यह लिस्ट बहुत लंबी है। ऐसा देश अगर हिंसा के बारे में बात भी करता है तो यह बहुत ही हास्यास्पद है। पाकिस्तान हमारे देश के लोकतांत्रिक चुनाव में भी आतंक का इस्तेमाल करने का प्रयास करता है। जम्मू-कश्मीर में चुनाव को बाधित करने में पाकिस्तान कोई कसर नहीं छोड़ता जबकि यह भारत का अभिन्न हिस्सा है। आतंकवाद के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान को समझ जाना चाहिए कि भारत के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल उसके लिए घातक साबित होगा।
भारत ने कहा, जिस देश ने 1971 मे नरसंहार करवाया और अब भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता चला आ रहा है, वह आखिर असहिष्णुता और फोबिया के बारे में कैसे बात कर स कता है। दुनिया देख सकती है कि पाकिस्तान की असलियत क्या है। मैं उस देश की बात कर रही हूं जिसने आतंकी ओसमा बिन लादने को शरण धी। एक ऐसा देश जिसके उंगलियों के निशान दुनियाभर की हर आतंकी घटना में मिल जाते हैं। वह देश जो आतंकियों का पनाहगार है। उस देश के प्रधानमंत्री का भाषण हमारे लिए अस्वीकार्य है। हमें पता है कि पाकिस्तान और झूठ पर झूठ बोलकर सच कि छिपाने की कोशिश करेगा। लेकिन बार-बार झूठ बोलने से भी कुछ भी बदलने वाला नहीं है। हमारा स्टैंड क्लियर है और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है।
शहबाज शरीफ ने क्या कहा था
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि भारत को अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला वापस ले लेना चाहिए। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधाने के लिए बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। उन्होंने बात फिलिस्तीन और इजरायल को लेकर शुरू की और फिर अचानक कश्मीर पर आ गए। शरीफ ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया है। भारत ने सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने से इनकार कर दिया है। इस प्रस्ताव में कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय लेने का अधिकार दिया गया था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने को एकतरफा कदम बताया। शरीफ ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर की जमीन और संपत्तियों को जब्त कर रहा है और मुस्लिमों को कश्मीर में अल्पसंख्यक करना चाहता है। इसके अलावा कश्मीर में अपने लोगों को बसाया जा रहा है।