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पिता की विडंबना! अस्पताल का शव वाहन देने से किया इनकार, टोकनी में बेटे को गांव लेकर पहुंचा किसान

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 डिंडौरी
 डिंडौरी जिला भुरका गांव में घर में लगी आग की चपेट में आकर चार वर्षीय मासूम बच्चे की मौत हो गई. आज शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. इस बीच परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन के लिए कहा तो जबाव मिला. यह पुलिस की जिम्मेदारी है. परिजन जब थाना पहुंचे तो कहा कि मोटर साइकल से लेकर चले जाओ. इसके बाद पिता अपने बच्चे के शव को चिलचिलाती धूप में मोटर साइकल से लेकर गांव के लिए रवाना हो गया.

बताया गया है कि डिंडौरी के ग्राम भुरका में रहने वाले किसान हीरा उईके के खेत में बनी झोपड़ी में सोमवार की रात अचानक आग लग गई. जिसकी चपेट में आकर से किसान हीरा के चार वर्षीय बेटे की जलने से मौत हो गई. वहीं किसान की गृहस्थी का सारा सामान जलकर खाक हो गया. खबर मिलते ही पुलिस पहुंच गई और देर रात मेहदवानी के अस्पताल में शव को रखवा दिया गया. आज सुबह दस बजे के लगभग पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव सौंप दिया गया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन शव ले जाने के लिए वाहन मांग तो कहा गया कि यह पुलिस की जिम्मेदारी है. परिजनों ने जब पुलिस से संपर्क किया तो कहा गया कि बन जाए तो मोटर साइकल से बेटे का शव लेकर चले जाओ.

इसके बाद मजबूर पिता बाइक से ही अपनी जीजा राजेश मरावी की मदद से शव लेकर गांव के लिए रवाना हो गया. गौरतलब है कि वर्ष 2021 से भुरका गांव में अपनी पैतृक जमीन पर खेती कर रहे है, घर में पत्नी कमलाबाई, बड़ा बेटा चंदन उम्र 4 वर्ष व छोटा बेटा कंचन राज डेढ़ वर्ष व बेटी गयामति एक वर्ष व पिता टीकाराम साथ में ही रहते है. हादसा उस वक्त हुआ है जब किसान हीरा दूसरे गांव कठौतिया गया था, पत्नी भी किसी काम से बाहर गई थी, पिता पानी लेने लेने थे.

घर में आग लगी तो कंचन राज व बेटी गयामति तो बाहर आ गई लेकिन चंदन विकलांग होने के कारण निकल नही और आग की चपेट में आने से मौत हो गई. घटना को लेकर सीएमएचओ डॉक्टर रमेश मरावी का कहना है कि मेहदवानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ चंद्रशेखर धुर्वे बीएमओ हैं. उन्होंने बताया था कि रात करीब 8 बजे मृतक के शव को लेकर पुलिस और परिजन आए थे. मंगलवार सुबह 10 बजे पोस्टमार्टम के बाद शव पुलिस को सौंप दिया. इसके बाद बीएमओ शव वाहन की व्यवस्था में लग गए. जब लौटकर मर्चुरी पहुंचे तो पुलिसवालों से पूछा. उन्होंने बताया कि परिजन शव लेकर चले गए हैं.

दरअसल पूरा मामला डिंडोरी जिले के मेंहदवानी थाना क्षेत्र के भुरका गांव का है। जहां सोमवार शाम को भुरका गांव के किसान हीरा उईके के खेत में बनी झोपड़ी में आग लग गई थी। आग लगने से चार साल का दिव्यांग मासूम चंदन राज जिंदा जल गया और उसकी मौत हो गई। उसके साथ दो जानवरों की भी मौत हो गई। इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद इलाके में मातम छा गया। मेंहदवानी पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई। वहीं बच्चे का पोस्टमार्टम कराने के लिए मेंहदवानी अस्पताल लाया गया। बताया जा रहा है की पोस्टमार्टम के बाद शव वाहन नसीब न होने के कारण पिता अपने बच्चे को टोकनी में रखकर बाइक से 14 किमी अपने गांव भुरका पहुंचा, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।

सीएमएचओ डॉ. रमेश मरावी ने बताया कि मेंहदवानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीएमओ डॉ.चंद्रशेखर धुर्वे ने बताया कि रात करीब 8 बजे मृतक के शव को लेकर पुलिस और परिजन आए थे। मंगलवार सुबह 10 बजे पोस्टमार्टम के बाद शव पुलिस को सौंप दिया गया। इसके बाद बीएमओ शव वाहन की व्यवस्था में लग गए। जब लौटकर मोर्चरी पहुंचे तो पुलिसवालों से पूछा। उन्होंने बताया कि परिजन शव लेकर चले गए हैं।

वहीं पिता ने जब पुलिस से पूछा कि शव कैसे लेकर जाएं? इस पर पुलिसकर्मी बोले- बन जाए तो बाइक से ले जाओ। मजबूर पिता बाइक से ही बेटे का शव लेकर चल पड़ा। इसका वीडियो भी सामने आया है। इस मामले में मेंहदवानी थाना प्रभारी प्रभुदास मोंगरे का कहना है कि किसान हीरा सिंह उईके का भाई ग्राम सचिव है। उसके रिश्तेदारों के पास कार भी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन नहीं है। कोई व्यवस्था बनाते, इससे पहले ही मृतक के परिजन शव लेकर जा चुके थे।

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