मॉस्को
5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में 33 शब्दों में अपने पद की शपथ ली। खास बात यह है कि इसी जगह पर रूस के जार परिवार के 3 राजाओं (एलेक्जेंडर 2, एलेक्जेंडर 3 और निकोलस 2) की ताजपोशी हुई थी। पुतिन की शपथ और राष्ट्रगान के बाद सेना ने उन्हें 21 तोपों की सलामी दी। पुतिन ने इससे पहले साल 2000 में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद से 2004, 2012 और 2018 में भी वे राष्ट्रपति बन चुके हैं। शपथ के बाद पुतिन ने कहा कि हम और मजबूत होंगे और उन देशों के साथ रिश्ते मजबूत करेंगे जो हमें दुश्मन समझते हैं। बता दें कि रूस में 15-17 मार्च को हुए चुनाव में पुतिन को 88% वोट मिले थे जबकि उनके विरोधी निकोले खारितोनोव को सिर्फ 4% वोट मिले थे। मीडिया जानकारी के अनुसार पुतिन के शपथ ग्रहण समारोह का अमेरिका, ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशों ने बहिष्कार किया है।
पुतिन ने अपने संबोधन में कही ये खास बातें
पुतिन ने अपने संबोधन कहा कि हम पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। यह उन पर निर्भर करता है कि वे हमसे बातचीत करना चाहते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने लगातार रूस में विकास को रोकने की कोशिश की है। वे सालों से हमारा खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाते आए हैं। लेकिनहम यूरोप और एशिया में अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर के लिए काम करते रहेंगे। हम चाहते हैं कि सभी देशों के पास एक जैसी सुरक्षा व्यवस्था हो। आजादी और एकता बनाए रखने के लिए रूस का सोशल-पॉलिटिकल सिस्टम लचीला होना चाहिए। हमें हर वक्त किसी भी चुनौती या खतरे के लिए तैनात रहना होगा।
शपथ ग्रहण में शामिल हुए ये लोग
शपथ ग्रहण समारोह में रूस की फेडरेल काउंसिल के सदस्य (सीनेट के सांसद), स्टेट डूमा के सदस्य (निचले सदन के सांसद), हाईकोर्ट के जज, अलग-अलग देशों के राजदूत और डिप्लोमैटिक कॉर्प्स शामिल हुए। 2018 में पुतिन के चौथे शपथ ग्रहण में जर्मनी के पूर्व चांसलर जेरहार्ड श्रोडर समेत करीब 6 हजार लोग मौजूद रहे थे। इसका लाइव टेलीकास्ट भी किया गया था।समारोह के बाद रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख पेट्रिआर्क राष्ट्रपति के साथ कैथेड्रल चर्च में प्रार्थना की। यह प्रथा साल 1498 से जारी है, जब मॉस्को के प्रिंस दिमित्री इवानोविच का विवाह हुआ था। सेरेमनी की शुरुआत में रूस का प्रेसिडेंशियल बैंड वही धुन बजाता है, जो 1883 में एलेक्जेंडर 3 की ताजपोशी के वक्त बजाई गई थी।
बड़ी खास होती है रूसी राष्ट्रपति के शपथ की प्रक्रिया
समारोह की शुरुआत में रूस के पद छोड़ रहे पुराने राष्ट्रपति क्रेमलिन रेजीमेंट की समीक्षा करते हैं। यह रेजीमेंट रूसी सेना की एक खास यूनिट है, जिस पर क्रेमलिन की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। इसके बाद पुराने राष्ट्रपति ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस जाते हैं।
क्रेमलिन पैलेस के अलेक्जेंडर हॉल में रूस का झंडा और ‘रशियन स्टैंडर्ड ऑफ द प्रेसिडेंट’ का फ्लैग लाया जाता है। इसके अलावा यहां राष्ट्रपति की चेन ऑफ ऑफिस भी रखी जाती है। रूस की संवैधानिक कोर्ट के अध्यक्ष संविधान की कॉपी को पोडियम पर रखते हैं। शपथ ग्रहण में इस्तेमाल होने वाली संविधान की कॉपी बेहद खास होती है। इसका कवर लाल रंग का होता है। इस पर सुनहरे रंग से 'कॉन्स्टीट्यूशन ऑफ रशिया' लिखा होता है। इसके अलावा सिल्वर रंग में रूसी ‘कोट ऑफ आर्म्स’ की तस्वीर बनी होती है। संविधान की इस कॉपी को राष्ट्रपति की लाइब्रेरी में रखा जाता है। चेन ऑफ ऑफिस राष्ट्रपति पद का प्रतीक होती है। इसके बीच में 'ऑर्डर फॉर मेरिट टु द फादरलैंड' का रेड क्रॉस बना होता है। क्रॉस के पीछे गोलाकार में 'बेनिफिट, ऑनर एंड ग्लोरी' लिखा होता है