इजरायल
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार ने इजरायल में कतर के स्वामित्व वाले प्रसारक ‘अल जजीरा’ के कार्यालयों को बंद करने का फैसला किया है। नेतन्याहू ने ‘एक्स’ पर इस फैसले की घोषणा की। यह फैसला कब प्रभावी होगा इस बारे में पता नहीं चल पाया है। इजरायल-हमास के युद्ध के दौरान इजरायल और चैनल के बीच संबंध में और ज्यादा तल्खी पैदा हुई है। यह फैसला ऐसे वक्त भी हुआ है, जब कतर गाजा में युद्ध को लेकर इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते में मदद कर रहा है।
अल जजीरा को आतंकवादी चैनल मानता है इजरायल
बीते महीने इजरायल की संसद द्वारा अल जजीरा चैनल को बंद करने जैसे फैसले के लिए कानून पारित किए गए थे। कानून के पारित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकल्प जताया कि उनके देश में इस चैनल का परिचालन बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यह ‘आंतकवादी चैनल’ है जो उकसाता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अल जजीरा ने नेतन्याहू के उकसाने वाले दावे की निंदा करते हुए इसे खतरनाक, हास्यास्पद झूठ बताया। अल जजीरा ने एक बयान में कहा कि वह नेतन्याहू को अपने कर्मचारियों और कार्यालयों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार मानता है। चैनल के मुताबिक, उसके पत्रकार अपने साहसिक और पेशेवर कवरेज को जारी रखेंगे, और वह हर कानूनी कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
पहले से ही इजरायल और अल जजीरा के बीच ठनी
इजरायल के अल जजीरा के साथ लंबे समय से खराब संबंध रहे हैं। इजरायल चैनल पर उसके प्रति पूर्वाग्रह रखने का आरोप लगाता है। लगभग दो साल पहले दोनों के संबंध तब और बिगड़ गए जब इजरायली कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजरायली सैन्य हमले के दौरान अल जजीरा की संवाददाता शिरीन अबू अकलेह की हत्या कर दी गई थी। अल जजीरा उन कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया घरानों में से एक है जिसने पूरे युद्ध के दौरान गाजा से खबरें दीं, हवाई हमलों और भीड़भाड़ वाले अस्पतालों के खूनी दृश्य प्रसारित किए और इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया। इजरायल ने अल जजीरा पर हमास के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया है।