Home व्यापार फेडरल बैंक का चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 906 करोड़ रुपये पर...

फेडरल बैंक का चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 906 करोड़ रुपये पर स्थिर

27
0

भारत को वृद्धि कायम रखने के लिए बुजुर्गों को स्वास्थ्य बीमा दायरे में लाने की जरूरतः एडीबी

फेडरल बैंक का चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 906 करोड़ रुपये पर स्थिर

आर्सेलरमित्तल का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 10 प्रतिशत घटकर 90 करोड़ डॉलर पर

त्बिलिसी
 बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा के मामले में भारत एशिया-प्रशांत देशों में सबसे निचली कतार में है और उसे तेजी से बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने और वृद्धि की रफ्तार को कायम रखने के लिए सबको स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाने की जरूरत है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बृहस्पतिवार को ‘एजिंग वेल इन एशिया’ शीर्षक से जारी एक रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण कोरिया और थाइलैंड ने सार्वभौमिक (यूनिवर्सल) स्वास्थ्य कवरेज हासिल कर लिया है, जबकि भारत समेत कई देश पीछे हैं। इन देशों में वृद्ध लोगों के बीच स्वास्थ्य बीमा की पहुंच सबसे कम 21 प्रतिशत है।

हालांकि, एडीबी की वरिष्ठ अर्थशास्त्री एइको किकावा ने कहा कि गरीब लोगों को नकदी रहित (कैशलेस) स्वास्थ्य बीमा देने वाली आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं आने के बाद से बुजुर्गों का स्वास्थ्य कवरेज बेहतर हुआ है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा का दायरा बढ़ाने से स्थिति में सुधार होगा और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग अर्थव्यवस्था के लिए अधिक उत्पादक बन पाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे देशों को अधिक उम्र वाले लोगों की मौजूदगी से मिलने वाला ‘लाभांश’ अधिक हो सकता है।

किकावा ने कहा कि सबको स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाने के अलावा बुजुर्गों की शारीरिक और कार्यात्मक क्षमता को अनुकूलित करने वाली आवश्यक सेवाओं और गतिविधियों का विस्तार करना भी महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और भारत में स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच से वंचित आधे से अधिक लोग निचली 40 प्रतिशत आबादी का हिस्सा हैं।

हालांकि, रिपोर्ट कहती है कि 2031-40 के दशक में उम्रदराज़ आबादी के कारण आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव भारत के मामले में कम पड़ेगा क्योंकि यहां उस समय भी युवा आबादी का अनुपात अधिक होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, विकासशील एशिया और प्रशांत देशों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या वर्ष 2050 तक लगभग दोगुनी होकर 1.2 अरब हो जाएगी जो कुल आबादी का लगभग एक चौथाई होगा। ऐसी स्थिति में पेंशन और कल्याण कार्यक्रमों के अलावा स्वास्थ्य बीमा की जरूरत भी बढ़ जाएगी।

एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा कि इन अर्थव्यवस्थाओं के पास बुजुर्गों से अतिरिक्त उत्पादकता के रूप में ‘लाभांश’ हासिल करने का मौका होगा जो क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद को औसतन 0.9 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।

फेडरल बैंक का चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 906 करोड़ रुपये पर स्थिर

नई दिल्ली
फेडरल बैंक का बीते वित्त वर्ष की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही का शुद्ध लाभ 906 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 903 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।

जनवरी-मार्च की अवधि में बैंक कुल आय 23.42 प्रतिशत बढ़कर 6,732 करोड़ रुपये हो गई। शुद्ध ब्याज आय 15 प्रतिशत बढ़कर 2,195 करोड़ रुपये रही।

फेडरल बैंक का पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शुद्ध लाभ 24 प्रतिशत बढ़कर 3,721 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। 2022-23 में बैंक को करीब 3,011 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।

बैंक के निदेशक मंडल ने मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए दो रुपये अंकित मूल्य वाले प्रत्येक शेयर पर 60 प्रतिशत के लाभांश की सिफारिश की है।

फेडरल बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्याम श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘ हमारी पहुंच में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अब हमारी शाखाएं पूरे भारत में फैली हुई हैं। इसे प्रौद्योगिकी और डिजिटल क्षमताओं में महत्वपूर्ण निवेश से भी बल मिला है, जिससे हमें 15,000 से अधिक पिन कोड में ग्राहकों की सेवा करने में मदद मिली है।’’

 

आर्सेलरमित्तल का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 10 प्रतिशत घटकर 90 करोड़ डॉलर पर

नई दिल्ली
 वैश्विक इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल का 31 मार्च को समाप्त पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 10 प्रतिशत घटकर 90 करोड़ डॉलर रहा है। कंपनी ने पिछले साल की समान अवधि में एक अरब डॉलर का शुद्ध लाभ कमाया था।

लक्ज़मबर्ग स्थित आर्सेलरमित्तल दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत स्टील व खनन कंपनी है। यह जनवरी-दिसंबर वित्त वर्ष का अनुसरण करती है। कंपनी ने कहा कि तिमाही के अंत में उसका ‘‘शुद्ध ऋण 4.8 अरब डॉलर रहा, जो 31 दिसंबर, 2023 को 2.9 अरब अमरीकी डॉलर था।’’

बयान के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही में पूंजीगत व्यय में रणनीतिक वृद्धि परियोजनाओं पर 40 करोड़ डॉलर शामिल हैं, जिनसे 2026 के अंत तक कंपनी की कर पूर्व आय में करीब 1.8 अरब डॉलर जुड़ने का अनुमान है। 2024 में पूंजीगत व्यय 4.5-5 अरब अमेरिकी डॉलर के दायरे में रहने की उम्मीद है, जिसमें से 1.4-1.5 अरब डॉलर रणनीतिक वृद्धि के लिए खर्च किए जाएंगे।’

आर्सेलरमित्तल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य मित्तल ने कहा, ‘‘ मूल्य निर्धारण के बेहतर माहौल तथा बेहतर होती बिक्री के दम पर तिमाही परिणाम लगातार बेहतर रहे। हमारे पास कई वृद्धि परियोजनाएं हैं जिनपर काम जारी है…इसमें भारत में एक गीगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजना तथा ब्राजील में वेगा सीएमसी शामिल है। दोनों के पहली छमाही में परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।’’

कंपनी के बयान के अनुसार, जनवरी-मार्च तिमाही में उसका कच्चे इस्पात का उत्पादन 2023 की समान अवधि के 1.45 करोड़ टन से मामूली रूप से घटकर 1.44 करोड़ टन रहा।

पहली तिमाही में बिक्री 16.28 अरब डॉलर रही, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 18.50 अरब डॉलर थी। कंपनी का इस्पात निर्यात 1.35 करोड टन रहा, जो 2023 की पहली तिमाही के 1.45 करोड़ टन से कम है।

 

एसके फाइनेंस ने 2,200 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए सेबी के पास दस्तावेज जमा कराए

नई दिल्ली
 वाहन और कारोबार के लिए कर्ज देने वाली गैर-बैंकिंग कंपनी एसके फाइनेंस ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के माध्यम से 2,200 करोड़ रुपये जुटाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास शुरुआती दस्तावेज जमा कराए हैं।

 दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, आईपीओ में 500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा प्रवर्तकों व निवेशक शेयरधारकों द्वारा 1,700 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी लाई जाएगी।

ओएफएस के तहत, नॉर्थवेस्ट वेंचर पार्टनर्स एक्स-मॉरीशस और टीपीजी ग्रोथ-4 एसएफ प्राइवेट लिमिटेड 700 करोड़ रुपये के शेयर बिक्री के लिए रखेंगी, जबकि इवोल्वेंस कॉइनवेस्ट-वन 75 करोड़ रुपये के शेयर बेचेगी और इवोल्वेंस इंडिया फंड-3 लिमिटेड 25 करोड़ रुपये के शेयर बेचेगी।

इसके अलावा, प्रवर्तक- राजेंद्र कुमार सेतिया 180 करोड़ रुपये के और राजेंद्र कुमार सेतिया एचयूएफ 20 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे।

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) दो खंड- वाहन और सूक्ष्म, लघु ए‍वं मझोले उद्यम (एमएसएमई) के लिए कर्ज देती है। दिसंबर, 2023 तक इसकी 11 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 535 शाखाएं थीं।

 

अडाणी पोर्ट्स का चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ 76.87 प्रतिशत बढ़कर 2,014.77 करोड़ रुपये

नई दिल्ली
अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) का जनवरी-मार्च तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 76.87 प्रतिशत बढ़कर 2,014.77 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1,139.07 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था।

एपीएसईजेड ने बीएसई को दी सूचना में बताया कि देश की सबसे बड़ी एकीकृत लॉजिस्टिक्स कंपनी की वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में एकीकृत कुल आय बढ़कर 7,199.94 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 6,178.35 करोड़ रुपये थी। आलोच्य तिमाही में कुल व्यय बढ़कर 4,450.52 करोड़ रुपये हो गया, जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 3,995 करोड़ रुपये था।

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here