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कलेक्टर कार्यालय में नियम-कानून की उड़ रही धज्जियाँ…ADM द्वारा पारित आदेश के बावजूद नहीं मिली जानकारी…जिला प्रशासन का ये कैसा मायाजाल ? आखिर किस खुलासे का सता रहा डर ?

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मुंगेली/ मुंगेली जिले में सूचना का अधिकार कानून मजाक बन कर रह गया हैं, इसके पीछे का कारण जिला प्रशासन के अधिकांश अधिकारियों और विभागों का सूचना के अधिकार के प्रति उदासीनता, लापरवाही पूर्ण रवैया कहा जा सकता हैं या भ्रष्टाचार को छिपाने या शह देने वाली बात भी हो सकती हैं ? तभी शायद सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी नहीं मिलती।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक महत्वपूर्ण मामले में सूचना के अधिकार के तहत कलेक्टर कार्यालय में जनसूचना अधिकारी के समक्ष 17/01/2024 को आवेदन किया गया था, उक्त आवेदन को जनसूचना अधिकारी द्वारा 07/02/2024 को जिला पंचायत अंतरित करते हुए समय सीमा के भीतर आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने कहा गया, उसके बाद भी जिला पंचायत द्वारा जानकारी नहीं दी गई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं कि कलेक्टर कार्यालय में मौजूद दस्तावेज की जानकारी मांगने पर आवेदन जिला पंचायत क्यों अंतरित किया गया और कलेक्टर कार्यालय में मौजूद दस्तावेज किसी कारण जिला पंचायत भेज दिया गया होगा तो आज दिनांक 1 मई तक जिला पंचायत ने जानकारी क्यों नहीं दिया ? मतलब कहा जाए तो यह जानकारी कलेक्टर कार्यालय, जिला पंचायत और जनपद पंचायत के इर्दगिर्द घूम रही हैं और अधिकारी जानकारी देने से बच रहे, इसके पीछे इन अधिकारियों की मंशा क्या होगी समझा जा सकता हैं।
कलेक्टर कार्यालय के जनसूचना अधिकारी से जानकारी न मिलने पर अपर कलेक्टर के समक्ष प्रथम अपील की गई थी, जिस पर सुनवाई उपरांत दिनांक 08/04/2024 को अपर कलेक्टर एवं अपीलीय अधिकारी निष्ठा पांडेय तिवारी ने अपील आवेदन पर आदेश पारित किया कि मांगी गई जानकारी आवेदक को नहीं दी गई, अपितु आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुंगेली को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (3) के तहत अंतरित किया गया, जबकि उन्हें वांछित जानकारी जिला जनसूचना अधिकारी कार्यालय से ही प्रदान की जानी थी, आवेदन अंतरित नहीं किया जाना था, पारित आदेश में आगे कहा गया कि जनसूचना अधिकारी को निर्देशित किया जाता हैं कि आवेदक के आवेदन से संबंधित जानकारी 7 दिवस के भीतर अपीलार्थी को निःशुल्क प्रदान करें एवं इस संबंध में प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष 10 दिवस के भीतर प्रस्तुत करें, भविष्य में उक्त गलती की पुनरावृत्ति न हो।
अपर कलेक्टर एवं अपीलीय अधिकारी निष्ठा पांडेय तिवारी के द्वारा दिनांक 08/04/2024 को पारित इस आदेश के बाद भी आज 01/05/2024 तक आवेदक को जानकारी नहीं दी गई, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि संबंधित अधिकारी कितने लापरवाह हैं।