वॉशिंगटन
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) अब तक लॉन्च किया गया दुनिया का सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है। यह अब दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। द टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह दूरबीन 124 प्रकाश वर्ष दूर पर मौजूद एक लाल बौने तारे, K2-18b की परिक्रमा कर रहे एक दूर के ग्रह को देखेगा। वैज्ञानिकों को इस ग्रह को लेकर कुछ ऐसे लक्षण दिखे हैं, जिससे संभवतः यहां जीवन हो सकता है। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि यह ग्रह महासागर से ढकी है और पृथ्वी से ढाई गुना बड़ी है।
वैज्ञानिक जिस प्रमुख तत्व को खोज रहे हैं, उसका नाम डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) है, जो एक आकर्षक विशेषता वाली गैस है। नासा के मुताबिक पृथ्वी पर डीएमएस केवल जीवों से निकलता है। मुख्य रूप से समुद्री फाइटोप्लांकटन के जरिए। K2-18b के वातावरण में डीएमस की उपस्थिति एक महत्वपूर्ण खोज होगी। हालांकि स्टडी से जुड़े खगोल भौतिकीविद् डॉ. निक्कू मधुसूदन तुरंत किसी निष्कर्ष पर पहुंचने को लेकर आगाह करते हैं। JWST का प्रारंभिक डेटा डीएमएस की उपस्थिति की उच्च संभावना बताता है और इसके आगे के विश्लेषण की जरूरत है।
जेम्स वेब ऐसे करेगा मदद
इस शुक्रवार को टेलीस्कोप 8 घंटों का अवलोकन करेगा, जिसके बाद किसी निश्चित उत्तर पर पहुंचने के लिए महीनों तक डेटा की प्रोसेसिंग की जाएगी। अभी वैज्ञानिकों को उस प्राकृतिक, भूवैज्ञानिक या रासायनिक प्रक्रिया के बारे में नहीं पता है जिससे बिना जीवन के डीएमएस पैदा हो सके। इस कारण वैज्ञानिक और भी उत्साहित हैं। हालांकि K2-18b पृथ्वी से विशाल दूरी पर है, जो एक तकनीती बाधा पैदा करती है। वोयजर अंतरिक्ष यान की गति से चलकर ग्रह तक पहुंचने और उसकी जांच में 22 लाख साल लगेंगे।
पृथ्वी से इतनी दूरी के बावजूद किसी ग्रह से आने वाले प्रकाश को देखकर जेम्स वेब टेलीस्कोप उसके रासायनिक संरचना का विश्लेषण कर सकता है। इस नए विश्लेषण से वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वह यह जान सकेंगे कि क्या एलियन सच में हैं या नहीं? आगामी अवलोकनों का उद्देश्य K2-18b के वायुमंडल में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड के अस्तित्व को स्पष्ट करना है। जबकि गैस के गैर-जैविक स्रोतों पर सैद्धांतिक काम जारी है, अगले चार से छह महीनों के अंदर निश्चित निष्कर्ष निकलने की उम्मीद है।