इंदौर. चुनावी कार्यों के लिए जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इससे बचने के लिए कई तरह के आवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय के पास पहुंचे। इसमें 200 लोगों ने बीमारी के आधार पर चुनावी ड्यूटी से छूट मांगी थी। इनको मेडिकल बोर्ड के पास भेजा गया। बोर्ड ने 102 आवेदनों का निराकरण करते हुए 54 को फीट घोषित कर दिया, जबकि 48 को अनफिट घोषित किया।अब 54 को चुनावी ड्यूटी करना होगी।
इंदौर जिले में 13 मई को मतदान संपन्न कराने के लिए 18 हजार के करीब अधिकारी-कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। इसमें 12 हजार मतदान कर्मियों को मतदान केंद्र के लिए चिन्हित किया गया है। चुनावी कार्यों से मुक्ति पाने के लिए बीमारी जिला निर्वाचन कार्यालय के पास 1800 के करीब आवेदन पहुंचे। इसमें विदेश यात्रा, गंभीर बीमारी, विवाह और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं के आवेदन आए।
190 आवेदन गंभीर बीमारी से संबंधित थे। जिसमें से 111 को निर्वाचन कार्य से मुक्त कर दिया। 79 को चुनावी ड्यूटी के लिए फिट माना है। चुनावी ड्यूटी निभाने वाले कर्मचारियों को विभिन्न दलों में चिन्हित कर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण कार्यक्रम से अनुपस्थित रहने पर 208 अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए है।
सभी तरह के अवकाश पर रोक
लोकसभा चुनाव संपन्न कराने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय ने सभी तरह से अवकाश पर रोक लगा दी है। अब आकस्मिक को छोड़कर किसी भी तरह के अवकाश स्वीकृत नहीं किए जाएंगे।अवकाश के आवदेन मुख्यालय द्वारा जिला निर्वाचन कार्यालय को प्रेषित नहीं किए जाए इसको लेकर सभी कार्यालय प्रमुखों को पत्र जारी किए गए है।
43 अधिकारी-कर्मचारियों का हो गया ट्रांसफर
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही सभी कार्यालय प्रमुखों से अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची जिला प्रशासन ने मांगी थी। इसके अनुसार चुनावी ड्यूटी लगाई गई। इसमें से 43 अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला आचार संहिता से पहले हो गया और वह रिलीव भी हो गए। ऐसे 42 अधिकारी-कर्मचारियों को चुनावी कार्य से मुक्त किया गया है।जबकि एक को चुनावी कार्य के कारण रोक लिया गया।