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रायपुर
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में नशीली दवाओं और गांजे के अवैध व्यापार से जुड़े दो महत्वपूर्ण मामलों में आयुक्त महादेव कांवरे ने एक निर्णायक और प्रभावशाली कार्रवाई की है। उन्होंने अवैध व्यापार में लिप्त दो आरोपियों को अलग-अलग प्रकरण में तीन-तीन महीने की सजा सुनाई है, जो नशे के खिलाफ प्रशासन की कड़ी मुहिम का स्पष्ट संकेत है।
आधिकारिक आदेश के अनुसार, अनावेदक एजाज खान पिता अहमद खान, निवासी भवानी नगर सिमगा, और ज्वाला चतुवेर्दी पिता इंद्रमन चतुवेर्दी, निवासी भैंसापसरा, बलौदाबाजार के खिलाफ पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार-भाटापारा द्वारा इश्तगाशा पेश किया गया था। अवैध रूप से स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थों का व्यापार करने की पुष्टि हुई थी। मामले की विस्तृत जांच पूरी होने के बाद यह निर्णय लिया गया कि इन दोनों आरोपियों की संलिप्तता में कोई संदेह नहीं है। जांच के दौरान, आयुक्त महादेव कांवरे ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए त्वरित कार्रवाई का निर्णय लिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे अवैध गतिविधियों से समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके आदेश में यह भी उल्लेखित है कि अनावेदक अवैध रूप से नशीली कैप्सूल तस्करी करने के आदी हैं, जिससे उनके समाज में रहने से संभावित विपरीत प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता।
आयुक्त कांवरे ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों पर गहन विचार करने के बाद यह निर्णय लिया कि अनावेदक एजाज खान और ज्वाला चतुवेर्दी के विरुद्ध स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 10 के तहत तीन माह के लिए जिला जेल बलौदाबाजार निरुद्ध किया जाए। आयुक्त महादेव कांवरे की यह कड़ी कार्रवाई न केवल नशे के अवैध व्यापार के खिलाफ प्रशासन की दृढ़ता को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह भी दशार्ती है कि छत्तीसगढ़ सरकार नशे के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति को गंभीरता से लागू कर रही है। इस कार्रवाई के माध्यम से आयुक्त ने यह संदेश दिया है कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कृतसंकल्पित हैं और किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे।