जांजगीर। धान खरीदी प्रभारी द्वारा किसानों के धान की वजह इलेक्ट्रॉनिक काटा से 41 किलो 500 ग्राम की वजह किया जा रहा है जिससे किसान परेशान हैं। और कहते भी है अगर हम विरोध करेंगे तो हमारा धान की वजन नही हो पायेगा और अगर बारिश हुई तो वेवजह परेशान हो जायेगे। ऐसे मजबूरी में धान खरीदी प्रभारी जिस भी तरीका से वजन करे तो करे लेकिन हमारे धान की वजह हो जाये इसका फायदा धान खरीदी प्रभारी उठा रहे है और मजबूरी में धान बेच रहे है।
क्षेत्र में हुई बेमौसम बरसात के बाद अब पुन: धान की खरीदी केंद्र में शुरू हुई है, जानकारी के अनुसार राइस मिलरों द्वारा धान की उठाव जल्दी से नही कर रहे है धान खरीदी प्रभारी काफी परेशान व चिंतित हैं। क्षेत्र में पूर्व में हुई बेमौसम बारिश की वजह से किसानों की खड़ी फसल को नुकसान तो हुआ ही है वहीं अपनी बची हुई फसल को बेचने किसानों को धान खरीदी केंद्र के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, जिसकी वजह से क्षेत्र के किसानों में मायूसी है। वहीं सरकार के खिलाफ नाराजगी भी इन कृषकों मे देखने को मिल रहा है। इस विषय में ब्लाक किसान संघ के अध्यक्ष का कहना है कि हमने धान सरकार को बेचा है न कि इन मिलरों को, ऐसे मे मिलरों द्वारा धान को गुणवत्ताहीन बताकर मंडियों से वापस भेज देना व मंडी प्रभारी द्वारा कृषकों को धान वापस करना दुर्भाग्यपूर्ण है, अगर समस्या का निराकरण शीघ्र ही नहीं किया गया तो समस्त किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन किया जा सकता है।
वहीं इस विषय में किसानों का कहना है कि जिस धान को धान खरीदी प्रभारी द्वारा धान में कोई खराबी नहीं है फिर भी कुछ प्रभारी द्वारा किसानों को परेशान किया जाता है अगर किसान प्रभारी के हिसाब से धान की वजन देंगे तो कोई भी किसान परेशान नही होंगे इस तरह की कारनामा धान खरीदी केंद्रों में चल रहा है कुछ ऐसे धान खरीदी केंद्र है जहां किसान वजन करके लाते है और चट्टा लगाकर बिना वजन किये एंट्री कर दिया जाता है।
राइस मिलरों से मिलीभगत कर करते है धान की हेराफेरी
मिली जानकारी के अनुसार धान खरीदी केंद्र के प्रभारी द्वारा मोटा बदला धान को हेराफेरी कर मोटी रकम लेकर राइस मिलरों से उठवाया जाता है इस मामले को समझ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है इसमें संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को संज्ञान लेने की जरूरत है।