दोरला और परधान जनजातियों के सामानों का संग्रह किया गया
बीजापुर। बस्तर संभाग के विभिन्न गांवों से जनजातीय समुदाय के इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं को नया रायपुर में बन रहे ट्राइबल म्यूजियम में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए सामानों का संग्रह शुरू हो गया है। डॉ. कवि ने बताया कि नारायणपुर, कांकेर और कोण्डागांव से भी दीगर जनजातियों के सामान एकत्र किए जाएंगे, इसके लिए अलग टीम होगी। अभी इनका फोकस बीजापुर जिले के दोरला और परधान जनजातियों पर है। इस वजह से शुरू में इन जनजातियों के सामान एकत्र किए जा रहे हैं। नया रायपुर में ट्राइबल म्यूजियम बन जाने पर देश-विदेश के लोगों को बस्तर की संस्कृति को समझने का मौका मिलेगा।
आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के उप संचालक डॉ. रूपेन्द्र कवि एवं सहायक संचालक डॉ. राजेन्द्र सिंह ने बताया कि नया रायपुर में संस्थान का म्यूजियम बन रहा है। इसमें बस्तर के सामान भी रखे जाएंगे जिसके लिए बीजापुर जिले के दुगोली, इलमिड़ी, पेगड़ापल्ली एवं मुरदोण्डा से सामान एकत्र किए गये हैं। परधान जनजाति के आभूषण, वाद्य यंत्र, दोरलों के कृषि औजार, काटने, पीसने, कूटने के सामान एवं अन्य दैनिक उपयोग के सामान इकट्ठे किए जा रहे हैं। इसके अलावा पारंपरिक वस्त्र, बर्तन आदि सामान भी ले जाए जा रहे हैं।