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डिप्टी CM की खुशामदी के चक्कर में नगर पालिका ने किया नियम विरुद्ध कार्य…बिना टेंडर, बिना कार्यादेश के शहर में हो रहा अनियमितता पूर्ण निर्माण, सौंदर्यीकरण व मरम्मत कार्य…ठेकेदार व अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही व FIR दर्ज करने मांग…

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भाजपा, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सत्ता में आई अब इसी भाजपा सरकार के मंत्रियों की खुशामदी में अधिकारियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं…

अधिकारियों और ठेकेदार के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही व मामला दर्ज करने होगी शिकायत…

मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हैं, पहले भी हुए भ्रष्टाचार में नगर पालिका के पूर्व अधिकारियों और जनप्रतिनिधि की जेल यात्रा भी हो चुकी हैं, मुंगेली नगर पालिका में व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ हैं, अधिकारियों को शहर विकास के बजाय अपनी जेबें भरने से फुर्सत नहीं हैं, उनकी यही सोच रहती हैं कि शासन और जनता के रुपये को किस तरह डकारा जाए ? फिर विकास कार्यो, निर्माण, मरम्मत व अन्य कार्यो के माध्यम से भ्रष्टाचार कर बड़ी रकम हजम कर जाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं।
हाल ही में प्रदेश में 2023 के हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनी, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा को बनाया गया। डिप्टी सीएम अरुण साव मुंगेली जिले के ही हैं शपथ लेने के बाद उनका दिनांक 1 फरवरी को मुंगेली आगमन हुआ, चूंकि डिप्टी सीएम अरुण साव के पास नगरीय निकाय विभाग भी हैं जिसके चलते मुंगेली नगर पालिका की टीम मंत्री जी के स्वागत में जुट गई। नगर पालिका के अधिकारी डिप्टी सीएम की खुशामदी में ऐसे लग गए कि वे सारे नियम, कायदे-कानून की धज्जियाँ उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़े। डिप्टी सीएम के आगमन के कुछ दिन पहले, आगमन के दिन और बाद में ही बिना टेंडर, बिना कार्यादेश के नगर पालिका क्षेत्र के डिवाइडरों में छबाई, प्लास्टर, लोहे के ग्रिल लगाने व पोताई का कार्य चल रहा था, और यह कार्य भी अनियमितताओं से लबरेज था क्योंकि टूटेफूटे डिवाइडरों में छबाई एकदम पतली परत हैं जो अपने आप निकलने लगे हैं, और बहुत जगहों से लोहे के ग्रिल गायब हैं वहां नए ग्रिल लगाए का रहे हैं, पुराने ग्रिल कहाँ हैं जानकारी नहीं मिल पाई हैं, डिवाइडर में भी पोताई केवल नगर पालिका कार्यालय के सामने हुआ हैं जहाँ उपमुख्यमंत्री का स्वागत किया जाना था।
मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र में बिना टेंडर और बिना वर्क आदेश के डिवाइडरों में इतना बड़ा मरम्मत कार्य बिना किसी के आदेश या सहमति के कोई ठेकेदार भला क्यों करेगा ? कहीं न कहीं उपमुख्यमंत्री को दिखाने और खुशामद करने अधिकारियों द्वारा मौखिक आदेश देने की जानकारी मिल रही हैं, हालांकि इसकी पुष्टि नगर पालिका के अधिकारी स्वयं करेंगे कि डिवाइडरों में मरम्मत, सौंदर्यीकरण के लिए क्या उन्होंने ठेकेदार को मौखिक आदेश दिया था या नही ? और यदि ठेकेदार को कोई कार्यादेश नहीं मिला, कोई टेंडर नहीं हुआ तो उसके द्वारा शासकीय संपत्ति में अपने मन से मरम्मत, छबाई और सौंदर्यीकरण कैसे कराया जाने लगा, इसकी शिकायत नगरीय निकाय मंत्री, डिप्टी सीएम अरुण साव सहित उच्चाधिकारियों से करते हुए अधिकारियों और ठेकेदार के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही और FIR दर्ज की मांग करने की बात सामने आ रही हैं। साथ ही अगर इसमें किसी तरह का भुगतान किया जाता हैं तो वह नियम विरुद्ध ही हैं।

चालाकी कर सकते हैं नगर पालिका के अधिकारी…

भ्रष्टाचार में डूबे नपा के अधिकारियों का जब कलम किसी भ्रष्टाचार या अनियमितता में फंसने लगता हैं तो वे उसका तोड़ निकालने की जुगाड़ में रहते हैं, ऐसा ही इस मामले में भी किये जाने की संभावना हैं, मामला सामने आते ही मुंगेलीवासियों ने कहा कि मुंगेली शहर के डिवाइडरों में बिना निविदा व बिना कार्यादेश के ठेकेदार द्वारा मरम्मत, पोताई, ग्रिल लगाने जैसे कार्य किये गए उसमें भी भारी अनियमितता बरती गई, और अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई हैं, मामले का खुलासा होने पर अब भुगतान तो होगा नहीं, तो ऐसे में अधिकारियों, नेताओं द्वारा ठेकेदार को उक्त कार्य का भुगतान करने प्लानिंग किया जा सकता हैं, जिसमें शहर के डिवाइडरों में मरम्मत, पोताई, छबाई, ग्रिल लगाना सहित अन्य कार्य का टेंडर निकाल उसी ठेकेदार को ठेका देने की संभावना हैं ताकि बकाया भुगतान को उसी कार्य मे मिलाकर भुगतान किया जा सके, ऐसे में अब शहर के डिवाइडरों में इस तरह के मरम्मत व सौंदर्यीकरण के कार्य का निविदा निकाला जाता हैं तो इस ठेकेदार को टेंडर में भाग लेने न दिया जाये, तथा उसके और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के साथ-साथ एफआईआर दर्ज हो।