वाराणसी
नए शैक्षणिक सत्र में यूपी बोर्ड 10 महीने में 11 परीक्षाएं लेगा। माध्यमिक स्कूलों के शैक्षणिक कैलेंडर में इस बार वर्णनात्मक, बहुविकल्पीय और प्रयोगात्मक परीक्षाओं की व्यवस्था की गई है। खास यह भी कि इस साल पर्यावरण और डिजिटल लर्निंग पर ज्यादा जोर दिया गया है। हर बच्चे की कंप्यूटर ट्रेनिंग भी अनिवार्य होगी। यूपी बोर्ड के विद्यालयों में इस बार भी ‘नया सत्र-नया सवेरा’ अभियान चलाया जा रहा है। विद्यार्थियों को तकनीकी के साथ ही राष्ट्रभावना, नैतिक शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। अप्रैल से शुरू हुए सत्र में इस बार यूपी बोर्ड के स्कूलों में कुल 11 परीक्षाएं ली जाएंगी। शिक्षकों के ऊपर अबकी दोहरी जिम्मेदारी है। स्कूलों में पढ़ाई के अलावा विभिन्न खेलकूद, कला और सामाजिक गतिविधियों के आयोजन का लक्ष्य दिया गया है। ऐसे में शिक्षण और परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय निकालना भी चुनौती होगी।
नए कैलेंडर में प्रार्थना सभा के लिए 15 मिनट का समय तय किया गया है। इसके साथ ही हर दिन सुविचार भी प्रस्तुत किए जाएंगे। सबसे अच्छे सुविचार प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थी को महीने के अंत में पुरस्कृत किया जाएगा। सभी स्कूलों में पर्यावरण क्लब बनाया जाएगा और बच्चों को पर्यावरण मित्र के रूप में चुना जाएगा। डायरी भी बनानी होगी माध्यमिक स्कूलों में नए सत्र में शिक्षकों को डायरी दी जाएगी। इसमें वह प्रतिदिन के कार्यों के साथ ही योजनाएं और सुझाव भी दर्ज करेंगे। इसके साथ ही छात्रों के लिए भी डायरी बनेगी जिसमें वह पढ़ाई से संबंधित अपना फीडबैक देंगे।
कॅरियर गाइडेंस के ‘पंख’ पोर्टल पर पर रजिस्ट्रेशन
माध्यमिक स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के सभी बच्चों को कॅरियर गाइडेंस दिया जाएगा। इसके लिए सभी बच्चों का रजिस्ट्रेशन माध्यमिक शिक्षा विभाग के ‘पंख’ पोर्टल पर अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों की योग्यता और क्षमता के हिसाब से उन्हें विभिन्न विशेषज्ञों से स्कूलों में ही मार्गदर्शन दिलाया जाएगा।
विद्यालयों में नए सत्र शुरू हो चुके हैं। पढ़ाई के साथ ही प्रवेश कार्य भी जारी हैं। परीक्षा कार्य शिक्षण व्यवस्था का हिस्सा हैं। इन्हें भी समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरा कराया जाएगा। -अवध किशोर सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक