असम
असम की काजीरंगा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रोजलिन तिर्की ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत असम सरकार और केंद्र सरकार को विज्ञापन में ‘महारत' हासिल है जबकि अच्छे शासन के नाम पर वह ‘विफल' है। तिर्की ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने पाले में कर ‘राजनीतिक स्टंट' कर रही है क्योंकि लोग सत्तारूढ़ दल के साथ नहीं हैं। कांग्रेस नेता ने दिए साक्षात्कार में अपनी जीत का भरोसा जताते हुए दावा किया कि विभिन्न मुद्दों के कारण लोग ‘भाजपा से आजादी' चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में हम लोगों को इधर-उधर जाते हुए देख रहे हैं।
सभी कांग्रेसी, भाजपा में शामिल होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी कांग्रेसी, भाजपा में शामिल होंगे। मैं पूछना चाहती हूं कि उन्होंने चुनाव के दौरान यह मुद्दा क्यों उठाया। यदि वे बहुमत में हैं तो उन्हें लोगों को शामिल होने के लिए नहीं कहना चाहिए। मुझे लगता है कि यह एक राजनीतिक हथकंडा है जो चल रहा है।'' असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा गत महीने से कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख भूपेन कुमार बोरा सहित विपक्षी पार्टी के सभी नेता लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल होंगे। हाल में असम में कई कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हुए हैं।
भाजपा सुशासन प्रदान करने में विफल रहे
तिर्की ने कहा, ‘‘वे (भाजपा) देख रहे हैं कि उनकी पकड़ धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। जनता उनका समर्थन नहीं कर रही है और इसलिए वे यह सब दिखा रहे हैं। कुछ हथकंडे तो अपनाने ही थे क्योंकि उनको सुर्खिया बंटोरने में महारत हासिल है।'' उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारें ‘ज्यादातर विज्ञापनों में' संलिप्त हैं। सरूपथार की पूर्व कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि वे (भाजपा) सुशासन प्रदान करने में विफल रहे हैं क्योंकि कई मुद्दे आम लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर लोगों के मौलिक अधिकारों पर हमला करने और विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करने का आरोप लगाया।
जनता भाजपा सरकार से ऊब गई
तिर्की ने कहा, ‘‘सभी तरीकों का इस्तेमाल प्रतिद्वंद्वियों को धमकाने के लिए किया जा रहा है, जो बिल्कुल भी लोकतांत्रिक नहीं है… लोग कह रहे हैं कि यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है और हर कोई बराबर है और वे बदलाव के लिए वोट करेंगे।'' कांग्रेस उम्मीदवार ने दावा किया कि जनता भाजपा सरकार से ऊब गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जहां भी गई हूं, लोग कह रहे हैं कि यह (चुनाव) एक और स्वतंत्रता आंदोलन जैसा है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस भाजपा सरकार से आजादी चाहिए।''
तासा को लोगों ने संसद में आवाज उठाते नहीं देखा
तिर्की का मुख्य मुकाबला चाय बागान में काम करने वाले आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेता और भाजपा के राज्यसभा सदस्य कामख्या प्रसाद तासा से है। तासा पूर्व में जोरहाट से लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं। यह पूछे जाने पर कि वह एक अनुभवी उम्मीदवार का मुकाबला कैसे कर रही हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि लोगों ने तासा को संसद के दोनों सदनों में असम के लिए आवाज उठाते या राज्य के लिए कुछ करते नहीं देखा है। उन्होंने कहा, ‘‘वह चाय बागान मजदूर समुदाय से हैं लेकिन काजीरंगा निर्वाचन क्षेत्र के स्थानीय निवासी नहीं हैं। उन्हें राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल पूरा करना चाहिए और चाय बागान मजदूरों के लिए काम करना चाहिए।''