रायपुर
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए सरेंडर के लिए तीन हफ्ते का अतिरिक्त समय दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट की एसवीएन भाटी की बेंच ने यह आदेश पारित किया है। गौरतलब है कि आज आरोपितों को जिला एवं सत्र न्यायलय में सरेंडर करना था। उधर शूटर चिमन सिंह समेत विनोद सिंह राठौर ने विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज में सरेंडर किया है।
इन्हें मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने आरसी त्रिवेदी, वीके पांडे और अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी समेत याह्या ढेबर को यह राहत दी है। जबकि शेष अन्य आरोपितों को आज ही कोर्ट में सरेंडर करना होगा।
31 आरोपित बनाए गए
चार जून, 2003 को छत्तीसगढ़ का पहला राजनीतिक जग्गी हत्याकांड जितना चर्चित रहा है, उतना ही चर्चित उसका फैसला भी आया। इस मामले में 31 आरोपित बनाए गए थे। दो आरोपित सरकारी गवाह बन गए। 29 आरोपितों पर केस चला। इस मामले के मुख्य आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर शेष 27 आरोपितों को सजा हुई थी। इनमें तीन पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।
कौन थे रामावतार जग्गी
कारोबारी परिवार के रामावतार जग्गी देश के बड़े नेताओं में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के बेहद करीबी थे। शुक्ल जब कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए तो जग्गी भी उनके साथ-साथ गए। विद्याचरण ने जग्गी को छत्तीसगढ़ में एनसीपी का कोषाध्यक्ष बना दिया था।
जग्गी हत्याकांड का मुख्य आरोपित याहया ढेबर रायपुर के ढेबर बंधुओं में से एक है। पांच भाइयों में एजाज ढेबर रायपुर के मौजूदा मेयर हैं। वहीं एक भाई अनवर ढेबर शराब कारोबारी है। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला केस में ईडी ने उसे छह मई, 2023 को गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
इन दोषियों की अपील पर फैसला
जग्गी हत्याकांड में दोषी अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, (मृत), विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर की ओर से अपील की गई थी।