लंदन.
सीरिया में ईरान के दूतावास में हाल ही में हुए हमले के बाद से ही ईरान बौखलाया हुआ है। इस हमले के लिए उसने इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ईरान ने इस हमले की जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए इस्राइल में कई ड्रोन भी दागे। ईरान की चेतावनी के बाद इस्राइल के बचाव में अमेरिका सामने आया है। इस्राइल-हमास युद्ध के बीच अब इस्राइल-ईरान युद्ध के खतरे को देखते हुए यूके ने भी कई रॉयल एयरफोर्स जेट और टैंकरों को क्षेत्र में भेज दिया है।
एक बयान में बताया गया कि ईरानी धमकियों को देखते हुए यूके सरकार क्षेत्र में तनाव कम करने और हमलों की संभावना को रोकने के लिए क्षेत्र के अन्य सहयोगी दलों के साथ काम कर रही है। यूके की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "हमने क्षेत्र में कई सारे रॉयल एयरफोर्स जेट भेजे हैं। ये क्षेत्र में किसी भी हवाई हमलों को रोक सकते हैं। इसके साथ ही हमलों की संभावना को देखते हुए हम अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।" इस्राइली सुरक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने बताया कि इस्राइल ने ईरान की तरफ से किए गए हमले को रोक दिया है। आईडीएफ ने बताया कि ईरान की तरफ से करीबन 200 अलग-अलग प्रकार के ड्रोन दागे गए, जिसमें बैलिस्टिक ड्रोन और क्रूज ड्रोन भी शामिल हैं। हगारी ने आगे कहा, "हमारे ड्रोन अभी भी हवा में लक्ष्य को भेद रहे हैं। हम इस्राइल पर आने वाले सभी खतरों के लिए तैयार हैं। हमें जो करना चाहिए हम वो सब करेंगे। इस्राइल की रक्षा के लिए हम सबकुछ करेंगे।"
ईरान ने दागे दर्जनों ड्रोन
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (आईआरजी) ने शनिवार को बताया कि उसने इस्राइल की तरफ दर्जनों ड्रोन और मिसाइल दागे। एक इस्राइली अधिकारी ने बताया कि करीबन 100 ड्रोन ईरान की तरफ से दागे गए हैं। रविवार को ऐसा मालूम हुआ कि कई मिसाइलों को इस्राइल और अमेरिका ने रोक लिया है। ईरान की तरफ से इस्राइल के क्षेत्र में यह पहला हमला था। दोनों ही देश एक दूसरे के दुश्मन हैं, लेकिन कभी भी दोनों ने एक-दूसरे के क्षेत्र में हमले नहीं किए। लेकिन एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमले के बाद दूतावास का एक खंड पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। वहीं, ईरान के दो शीर्ष सैन्य जनरल और पांच अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। इसके बाद से ही ईरान लगातार इस्राइल को हमले की धमकी दे रहा है।