ब्लोटिंग की समस्या से कई बार बहुत ज्यादा परेशान कर देती है। यहां तक कि शरीर में कई दूसरी समस्याओं का कारण बन सकती है। ब्लोटिंग की समस्या तब होती है, जब पेट में गैस के कारण हवा भर जाती है।
इसके कारण पेट फूला हुआ दिखाई देता है। केवल इतना ही नहीं, ब्लोटिंग कई लोगों में पीठ दर्द का कारण भी बन सकता है। इस समस्या के शिकार कई मरीजों में पीठ दर्द और बेचैनी की परेशानी देखी जाती है।
जॉन हॉपकिन्स मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार एब्डोमिनल ब्लोटिंग और पीठ दर्द, इन दोनों में गहरा संबंध देखा गया है। ज्यादातर लोग ब्लोटिंग को पेट फूला हुआ या पेट में सूजन महसूस करते हैं। जो अपने आसपास के हिस्से को भी प्रभावित करती है। आइए जानते हैं कि इन दोनों के बीच क्या संबंध है और एब्डोमिनल ब्लोटिंग और पीठ दर्द के बारे में।
आंतों की समस्या
एब्डोमिनल ब्लोटिंग और पीठ दर्द के बीच गहरे संबंध का प्रभाव उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है, जिन्हें पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं हों, जैसे कि अपच, कब्ज, आंतों की समस्या या अन्य कोई आंत संबंधित समस्याएं हो।
मासिक धर्म के दौरान
कई रिसर्च में भी एब्डोमिनल ब्लोटिंग और पीठ दर्द में संबंध पाया गया है। मासिक धर्म के दौरान कुछ दर्द, ऐंठन और बेचैनी सामान्य है।पेट की सूजन और पीठ दर्द आमतौर पर समय के साथ ठीक हो जाते हैं।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लॉकेज
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लॉकेज भी पेट में ब्लॉकेज का कारण बन सकते हैं।आंतों में किसी प्रकार की ब्लॉकेज होने पर पेट का दर्द, उल्टी, कब्ज, ब्लोटिंग, और पेट के आसपास के हिस्सों में दर्द पैदा कर सकता है।
पेट में गैस अधिक बनना
कई बार खराब डाइट के कारण भी पेट में बहुत ज्यादा गैस बनने लगती है या जो लोग ज्यादा भूखे रहते हैं, उनके पेट में भी हवा भरने लगती है। यह हवा पेट और पीठ दर्द का कारण बन सकती है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट इंफेक्शन
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होते हैं, जैसे कि बैक्टीरियल गैस्ट्राइटिस या बैक्टीरियल डायरिया। इस समस्या में भी ब्लोटिंग, तना हुआ पेट और पीठ दर्द जैसे लक्षण देखे जाते हैं।
पेट में किसी प्रकार की ब्लॉकेज
दर्द के लिए उपचार
यदि आपको लंबे समय से कब्ज के साथ पीठ दर्द की भी समस्या है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। इसके घरेलू उपायों में आप दर्द वाले हिस्से में 10 मिनट के लिए आइस पैक या हीट पैक से सिकाई कर सकते हैं, आपको काफी आराम मिलेगा। इसके अलावा हल्की डाइट लें और ऐसी चीजें खाओं जो पाचन में आसान हो और गैस न बनें। अपनी फिजिकल एक्टिविटी भी बढ़ाएं।