पटना
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के पूर्व बड़ा झटका लगा है। नवादा से आने वाली पार्टी की कद्दावर महिला नेता पिंकी भारती ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया है। पिंकी भारती ने पार्टी के सभी पदों के साथ सदस्तयता से भी त्यागपत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भेज दिया है। वह नवादा जिला परिषद की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं और दलित समाज से आने वाली नेता पिंकी भारती पार्टी में प्रदेश सचिव पद पर थीं। कहा जा रहा है कि वह लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी का दाम थाम सकती हैं।
पिंकी भारती ने फेसबुक के माध्यम से अपना त्यागपत्र दिया। अपने इस्तीफे से संबंधित पत्र को फेसबुक पर भी पोस्ट कर दिया। पिंकी भारती नवादा की कद्दावर महादलित महिला नेता हैं। नवादा में पहले चरण में चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले उनका पार्टी छोड़ना एनडीए के लिए घाटे का सौदा होगा। पिंकी भारती ने कहा है है कि बहुत ही भारी मन से उन्होंने खुद को जेडीयू से अलग किया है। अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि जेडीयू ने मुझे पहचान दी है। मेरे लिए यह बहुत ही पीड़ादायक क्षण है। जिस संगठन में मैंने राजनीति की आंख खोली, जहां राजनीतिक जन्म हुआ उस दल को छोड़कर जाना पड़ रहा है।
एनडीए और बीजेपी पर तंज कसते हुए पिंकी भारती ने कहा कि सांसद नवादा का बनते हैं और सेंट्रल स्कूल और इंजीनियरिंग/मेडिकल कॉलेज अपने गृह जिले में सिफारिश करते हैं। मेरा जमीर मुझे गठबंधन धर्म निभाने से रोक रहा है। ऐसे में मेरा इस्तीफा देना ही उचित है। उन्होंने एनडीए द्वारा बाहरी कैंडिडेट दिए जाने के कारण पार्टी छोड़ी है। पार्टी छोड़ने का कारण बताते हुए पिंकी भारती ने कहा कि पिछले कई दशकों से नवादा लोकसभा क्षेत्र राजनीतिक पर्यटन बनकर रह गया है।
सियासी जगत में यह चर्चा जोरों पर है कि पिंकी भारती जल्द ही आरजेडी से नाता जोड़नो वाली है। वह अपने फेसबुक पोस्ट में आरजेडी प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा की वकालत करती दिख रही हैं। बता दें कि पिंकी भारती जेडीयू के दिवंगत नेता मणिभूषण की पत्नी हैं। वह राजनीति में काफी सक्रिए रहती हैं। उनके चुनाव लड़ने को लेकर कोई चर्चा अभी तक सामने नहीं आई है।