बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में पहली बार एक अलग तरीके की याचिका लगाई गई जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया दरअसल एक भाई ने अपनी शादीशुदा बहन की मृतयु के बाद अनुकम्पा नियुक्ति दिलाने के लिए याचिका दायर की थी हाई कोर्ट ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया की जिस तरह पति की मृत्यु के बाद अनुकम्पा नियुक्ति पत्नी व बच्चों को ही अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकती हैं मामले की सुनवाई सजंय के अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई विजय निगम ने हाई कोर्ट ने याचिका दायर कर बताया कि उनकी बहन राधिका निगम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन साशकीय आयुर्वेद फार्मेसी रायपुर में मेडिसिन मेकर थी। 13 जून 2014 को उनकी मृत्यु हो चुकी थी याचिकाकर्ता ने वसीयतनामा का हवाला देते हुए आयुर्वेद फार्मेसी में अनुकम्पा नियुक्ति में दावा प्रस्तुत किया गया।इस आवेदन पर विचार नही किया गया मामला हाइकोर्ट पहुचा यहां सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से 13 जून 2013 को जारी प्ररिपत्र प्रस्तुत किया गया इसमे बताया गया की राधिका के भाई को अनुकम्पा नियुक्ति देना गलत होगा क्योकि राधिका पहले से शादीशुदा हैं साशन के नियम में यह प्रावधान ही नहीं है यह रिट खारिज करने योग्य है।