नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज नेता प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। किशोर ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि भाजपा ने दक्षिण और पूर्व में काफी मेहनत की है और इन लोकसभा चुनावों में इसके परिणाम निकलकर सामने आएंगे। प्रशांत किशोर ने कहा, आपको जानकर हैरनी होगी कि ऐसी भी उम्मीद है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में नंबर 1 बन जाए। इसके अलावा ओडिशा में भाजपा पहले या दूसरे नंबर पर रह सकती है। वहीं कांग्रेस शासित तेलंगाना में भी भाजपा के पहले या दूसरे नंबर पर रहने का अनुमान है। बता दें कि 2021 के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के साथ थे। इस चुनाव में टीएमसी की जीत भी हुई थी। इसलिए पश्चिम बंगाल को लेकर प्रशांत किशोर का अनुमान मायने रखता है।
पीके ने कहा कि इस बार भी विपक्ष ने एक अवसर खो दिया है और अब ना तो भाजपा को नजरअंदाज किया जा सकता है और ना ही प्रधानमंत्री मोदी को कम आंका जा सकता है। किशोर कई बार कह चुके हैं कि उत्तरी और पश्चिमी भारत की ज्यादातर सीटों पर भाजपा जीत दर्ज कर सकती है और इससे पूर्वी और दक्षिणी भारत में होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तभी भाजपा को झटका दे सकती है जब वह उसे उत्तर और पश्चिम की 100 सीटों पर शिकस्त दे और ऐसा होने नहीं वाला है।
पूर्वी और दक्षिण की सीटों को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी ने इन सीटों पर खूब दौरे किए हैं। वहीं विपक्षी दलों ने इनपर ध्यान ही नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितनी बार तमिलनाडु गए हैं और उसके बदले राहुल गांधी और सोनिया गांधी कितनी बार गए हैं। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन भी प्रभावी नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के बीच आपस की रार ही नहीं खत्म हो पाई। उनका कोई एक अजेंडा भी निकलकर सामने नहीं आया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि 2015-16 के बाद कई विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार हुई थी। तभी कांग्रेस के पास मौका था। वहीं कोरोना काल के बाद प्ऱधानमंत्री मोदी की बंगाल में अप्रूवल रेटिंग कम हो गई थी। लेकिन विपक्षी दल अपने घरों में बैठे रहे। ऐसे में पीएम मोदी की एक बार फिर वापसी हो गई। 2019 के चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा ने 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं टीएमसी को 22 सीटों पर जीत मिली थी। इसकते बाद भाजपा ने पश्चिम बंगाल में काफी मेहनत की है। वहीं संदेशखाली के मुद्दे को भुनाने में भी कसर नहीं छोड़ी है।