नई दिल्ली
केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर शिकायत करने पहुंचे टीएमसी के कम से कम 10 सांसद चुनाव आयोग के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इसमें राज्यसभा और लोकसभा के सांसद शामिल हैं। इसके थोड़ी ही देर के बाद दिल्ली पुलिस की टीम पहुंची और सांसदों को हिरासत में ले लिया। जानकारी के मुताबिक टीएमसी सांसदों ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के चीफ को पद से हटा दिया जाए। उन्होंने कहा था कि सीबीआई, ईडी और एनआईए का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है इसलिए उनके चीफ पर कार्रवाई की जाए।
बता दें कि टीएमसी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को चुनाव आयोग पहुंचा। टीएमसी नेता डोला सेन ने कहा कि भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुरुपयोग कर रही है और विपक्षी नेताओं को झूठे केस में फंसा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इन जांच एजेंसियों के चीफ को हटा देना चाहिए जिससे कि चुनाव में हर दल को समान मौका मिले। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी तरह से चुनाव से पहले ही हमारे नेताओं को गिरफ्तार करवा लेना चाहती है।
टीएमसी सांसदों की यह भी मांग है कि राज्य की सरकार को जलपाइगुड़ी में तूफान पीड़ितों की मदद के लिए अनुमति दी जाए जिससे कि उनके टूटे घरों का निर्माण करवाया जा सके। बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ रामलीला मैदान में हुए विरोध प्रदर्शन में भी टीएमसी ने हिस्सा लिया था। हालांकि टीएमसी इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
पश्चिम बंगाल में एनआईए की टीम पर हुए हमले को लेकर भी सियासत गर्म है। रविवार को भूपतिनगर इलाके मे एनआईए की टीम 2022 में हुए विस्फोट माले में जांच के लिए टीएमसी नेता के ठिकाने पर पहुंची थी। यहां स्थानीय लोगों ने पत्थऱबाजी कर दी। इसके बाद टीम के वाहनों को नुकसान पहुंचा और एनआईए का एक अधिकारी भी घायल हो गया। इसके बाद एनआईए ने शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी टीएमसी को घेर चुके हैं। वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि इस तरह से रात में टीम का दबिश देना ही गलत था।