मुंगेली/ अभी हाल ही में कुछ महिनों पहले राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, शासकीय भूमि के आबंटन एवं वार्षिक भू-भाटक के निर्धारण/ वसूली प्रक्रिया के संबंध में प्रदेश के समस्त संभागायुक्त और कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किया गया था, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेली के कई राजनीतिक सरोेकार रखने वाले नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मिलकर नगर पालिका क्षेत्र के नजूल सरकार की जमीनों को हथियाने कई हथकंडे अपनाये गये हैं ? नगर पालिका के पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुंगेली नगर पालिका द्वारा बिना परिषद् की स्वीकृति के नजूल सरकार की जमीन का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया हैं…साथ ही यह भी आरोप लगाते हुए जनप्रतिनिधियों ने बताया गया कि अधिकारियों के द्वारा आनन-फानन में कुछ विशेष लोगों को नजूल भूमि का लाभ दिलाने अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है जिसमें करोड़ों रूप्ये वारे-न्यारे होने की संभावना है। शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश में स्पष्ट है कि प्रब्याजि एवं भू-भाटक के निर्धारण में पूर्णतः सावधानी बरतते हुये यह सुनिश्चित किया जाये कि राज्य शासन को किसी प्रकार की वित्तीय हानि न हो, ऐसे में कई जनप्रतिनिधियों और नेताओं का कहना हैं कि शासन को वित्तीय लाभ पहुंचाने क्या नियम विरूद्ध कार्य किया जाना उचित है ? नगर पालिका से जुडे़ नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने बताया कि नजूल सरकार की जमीन के संबंध में यदि नगर पालिका द्वारा एनओसी जारी किया गया है तो इस एनओसी वाले प्रस्ताव को सर्वप्रथम परिषद् की बैठक में लाना चाहिये किंतु परिषद् को इस जारी किये गये एनओसी के संबंध में काई जानकारी नही है जिसकी कई पार्षदों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से लिखित शिकायत कर नजूल सरकार की जमीन के संबंध में जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग करते हुये कहा कि वर्ष 2019-20 में जितने भी नजूल सरकार की जमीन हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है उसे निरस्त कर की मांग पार्षदों ने की है साथ ही यह मांग की है कि किसी प्रकार की भी अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किया जाता है तो परिषद् से अनुमति लिये जाने के उपरांत ही अनापत्ति प्रमाण जारी किया जाये। नगरपालिका के पार्षदों द्वारा दिये गये इस पत्र से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती नजर आ रही है। बहरहाल यह विचारणीय प्रश्न है कि नजूल सरकार की जमीन के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी प्रस्ताव को परिषद् की बैठकों में लाना नियम-कानून के दायरे में आता है अथवा नही ? हालांकि कुछ लोगों का कहना हैं कि नजूल सरकार की जमीन से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने यह आवश्यक नही कि इसे परिषद की बैठक में प्रस्ताव लाया जाए..शासन द्वारा इसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों को NOC जारी करने विशेष अधिकार दिए गए हैं। इस मामले में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि आपस में तालमेल बैठाकर आपस मे नियम कानून एवं प्रक्रिया साझा करें। हालाँकि इस NOC वाले मामलें को लेकर नगर पालिका के पार्षदगण काफी आक्रोशित दिखाई दे रहे हैं।