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पटवारी और भूमाफिया और की जबरदस्त सांठगांठ…अवैध प्लॉटिंग और अवैध निर्माण में पटवारी की भूमिका संदिग्ध…SDM की कार्यवाही और रोक के बाद अवैध प्लॉटिंग में पटवारी ने जारी की चौहद्दी…रेट फिक्स…अवैध प्लॉटिंग में निर्माण जारी…कलेक्टर को लेना चाहिए संज्ञान…

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मुंगेली/ मुंगेली SDM ने जिस जगह पर अवैध प्लाटिंग होना पाया और कलेक्टर को प्रतिवेदन भेज वर्तमान में वहां चिन्हांकित खसरे नम्बर में अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने की बात कही गई, उसी जमीन पर संबंधित हल्का के पटवारी ने स्थल पंचनामा/चौहद्दी जारी कर दिया, और उसमें बतौर गवाह केवल एक व्यक्ति का हस्ताक्षर हैं, जिसमें उसका नाम भी नहीं हैं।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षक नगर में नाले के पास हो रहे अवैध प्लाटिंग की शिकायत के बाद पटवारी और राजस्व निरीक्षक को जांच का जिम्मा दिया गया, पटवारी ने मौके पर जाकर पंचनामा भी तैयारी किया, जिसमें उसने उस चिन्हांकित खसरे नम्बर में भूमिस्वामी द्वारा अवैध प्लाटिंग का संरचना निर्मित किया जाना बताया गया, तथा पटवारी द्वारा पंचनामा में भी बहुत भ्रामक शब्दों का समावेश किया, उसके बाद राजस्व निरीक्षक ने एसडीएम को प्रतिवेदन दिया जिसमें उसने बताया कि उक्त चिन्हांकित खसरे नम्बर में अवैध प्लाटिंग की मंशा से मुरुम सड़क, नाली का निर्माण किया जाना पाया गया और यहां अवैध प्लाटिंग होना जारी हैं, राजस्व निरीक्षक के इस प्रतिवेदन के आधार पर मुंगेली एसडीएम ने कलेक्टर को इस मामले में ज्ञापन भेज उक्त चिन्हांकित खसरे नम्बर में अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने की बात लिखी गई। परंतु इसकी प्रति नगर पालिका को क्यों नहीं भेजी गई समझ से बाहर हैं ? आपको बता दे कि पूर्व एसडीएम आकांक्षा खलको द्वारा इस जगह पर बुलडोजर से मुरुमी सड़क को ध्वस्त करने की कार्यवाही भी की गई थी।

अब इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं कि शिक्षक नगर में नाले के पास जिस खसरे नम्बर में अवैध प्लाटिंग का होना पटवारी, राजस्व निरीक्षक और स्वयं एसडीएम द्वारा कहा जा रहा तो उसी पटवारी द्वारा उसी खसरे नम्बर में चौहद्दी कैसे दे दी गई ? और एसडीएम के कलेक्टर को दिए ज्ञापन और रोक लगाने के बाद भी उस अवैध प्लाटिंग में रजिस्ट्री, नामांतरण, डायवर्सन कैसे हो गए ? जमीन की खरीदी-बिक्री करने वाले कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पटवारी द्वारा एक चौहद्दी जारी करने का 5 से 10 हजार लिया जाता हैं और जहां विवादित जमीन या अवैध प्लाटिंग रहता हैं वहां 25 से 30 हजार लिया जाता हैं, साथ ही कुछ बेक डेट में जारी किया जाता हैं, इन सबकी वृहद शिकायत की तैयारी की जा रही हैं। पटवारी की कार्यशैली जांच का विषय हैं बहरहाल पूरे दस्तावेज सहित पटवारी और अन्य जुड़े अधिकारियों की शिकायत की जाने की जानकारी मिल रही हैं।