ईरान
पाकिस्तान से सटे ईरान के दक्षिण-पूर्वी इलाके में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स मुख्यालय पर सुन्नी मुस्लिम आतंकियों के हमलों में कम से कम 11 ईरानी सुरक्षा बल मारे गए हैं। ईरान के आंतरिक मामलों के उप मंत्री माजिद मिरहमादी ने गुरुवार को बताया कि ईरान के बॉर्डर गार्ड्स से संबंधित चाबहार और रस्क में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के बेस को निशाना बनाया गया। दोनों ही ठिकाने अशांत सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में हैं। सिस्तान- बलूचिस्तान अफागनिस्तान-पाकिस्तान से सटा इलाका है। इस आतंकी हमले के बाद दो पड़ोसी इस्लामिक देश यानी ईरान और पाकिस्तान एक बार फिर आमने-सामने हैं।
ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा है कि आतंकी संगठन जैश अल-अदल समूह और ईरानी सुरक्षा बलों के बीच चाबहार और रस्क शहरों में रात भर झड़पें हुईं हैं। उप आंतरिक मंत्री माजिद मिरहमादी ने बताया, "ईरानी बलों ने आतंकवादियों को चाबहार और रस्क में गार्ड मुख्यालय पर कब्जा करने से रोक दिया और उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।"
ईरान में मृतकों की संख्या लगभग उतनी ही है जितनी दिसंबर में इसी तरह के हमले में हुई थी। दिसंबर में भी हुए इस तरह के हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश अल-अदल समूह ने ली थी। उसके बाद ईरान ने पड़ोसी पाकिस्तान पर जैसे को तैसा रणनीति के तहत हवाई हमले किए थे। ये हमले उसी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हुए हैं, जो वर्षों से नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले गिरोहों, बलूची अल्पसंख्यक विद्रोहियों और सुन्नी मुस्लिम आतंकियों के हमलों का सामना कर रहा है। ईरान ने इस घटना का आतंकी हमला करार दिया है। ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा है कि जवाबी हमले में तीन आतंकी मारे गए हैं और एक घायल हुआ है। सरकारी मीडिया के अनुसार आतंकियों ने चाबहार में एक पुलिस थाने पर भी हमला बोला है। बता दें कि जैश अल-अदल समूह ने पिछले कुछ सालों में ईरानी बलों पर करीब एक दर्जन छोटे-बड़े हमले किए हैं।
पिछले साल दिसंबर में भी पाकिस्तन में पल रहे जैश अल-अदल आतंकी संगठन ने सिस्तान-बलूचिस्तान इलाके में ईरानी सैन्य बलों पर हमला किया था, इसके बाद ईरान ने पाकिस्तान पर मिलसाइल दागे थे। तब पाकिस्तान ने कहा था कि ईरान की ओर से दागी गई मिसाइल की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हुई हौ और तीन घायल हुए थे।
ईरान लंबे समय से इस आतंकी संगठन पर आरोप लगाता रहा है कि इसके सदस्य सीमा पार करके ईरान में घुसते हैं और उनके सुरक्षाकर्मियों की हत्या करते हैं। जैश अल-अदल एक सुन्नी चरमपंथी समूह है। ये संगठन खुद को ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी अधिकारों का रक्षक बताता है। अब जब रमजान चल रहा है, तब दोनों देश फिर से सुन्नी आतंकी समूह की हरकत पर आमने सामने आ गए हैं।