डायबिटीज आज के समय में आम और सबसे गंभीर बीमारी में से एक है। दुनिया भर में डायबिटीज की बीमारी तेजी से फैल रही है और जिसके होने का सबसे बड़ा कारण है, हमारी खराब लाइफस्टाइल। इस मॉडर्न लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज की कमी और गलत खान-पान की आदतें लोगों को एक बड़ी संख्या में इस बीमारी से ग्रसित कर रही है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार डायबिटीज आपके जान के लिए जोखिम न बन जाए, इसके लिए इसे समय रहते कंट्रोल करना आवश्यक है। इस बीमारी में आप दवाओं के साथ कुछ योगासन को अपनाकर के भी इसमें राहत पा सकते हैं। योग स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं के लिए सदियों से योग एक प्राचीन और असरदार इलाज रहा है। जानें डायबिटीज के लिए योगासन।
कपालभाति
डायबिटीज के लिए योगासन एक अच्छा उपचार है, जो शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकता है। इसके लिए योग में प्राणायाम करें। इसके लिए पैरों को मोड़ कर क्रॉस-लेग्ड की स्थिति में फर्श पर बैठ जाएं और गहरी सांस लें। फिर आपको धीरे-धीरे गहरी सांस लेना है और जल्दी-जल्दी सांस छोड़ना है।
अनुलोम-विलोम (Anulom vilom)
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए अनुलोम- विलोम एक प्रभावकारी योग है। इसे करने के लिए आपको दाएं नाक को बंद करना है और बाएं नाक से सांस लेना है। फिर तुरंत बाएं नाक को बंद करें और दाएं नाक से सांस छोड़ना है। यह प्रक्रिया कुछ मिनट तक करें
मंडूकासन
वज्रासन योग करने के लिए आप पहले फर्श पर बैठ जाएं। अब दोनों हाथों में मुट्ठी बनाएं और उन्हें अपने पेट पर इस तरह से रखें कि दोनों हाथों का जोड़ नाभि पर आए। फिर अब अपने माथे से जमीन को छूने की कोशिश करें। ऐसा 20 सेकंड के लिए करें।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
इस योग के लिए अपने पैरों को सीधा करके फर्श पर बैठ जाएं और घुटनों को मोड़ें। इसके बाद अपने पैरों को जमीन पर रखें और फिर बाएं पैर को अपने दाहिने पैर के नीचे स्लाइड करें। अब दाएं पैर को बाएं पैर के ऊपर ले जाएं और इसे अपने बाएं कूल्हे के बाहर जमीन पर रखें। दाहिने हाथ को अपने दाहिने कूल्हे के ठीक पीछे फर्श पर दबाएं, और बाईं जांघ को दाहिनी जांघ के बाहर घुटने के पास करें। इसके लिए आपको सांस छोड़ते हुए अपनी दाहिनी जांघ के अंदरूनी हिस्से की ओर झुकना होगा।
वक्रासन
डायबिटीज के लिए क्रॉस-लेग योगासन भी काफी अच्छा माना जाता है। अब, अपने दाहिने हाथ को अपने बाएं घुटने पर अपने बाएं हाथ पर रखें। अपने शरीर को बाईं दिशा की ओर मोड़ने का प्रयास करें। अपनी पीठ को सीधा रखें और दाहिनी दिशा में भी ऐसा करने का प्रयास करें।