रोहतक
राष्ट्रीय जूनियर महिला मुक्केबाजी कोच गीता चानू का मानना है कि भारत में खेल के विकास के लिये अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजों के साथ एक महीने का अभ्यास शिविर लगाया जाना चाहिये।
चानू ने कहा कि उजबेकिस्तान और कजाखस्तान जैसे देश इस खेल में महाशक्ति इसलिये बन सके हैं क्योंकि इनमें संबंधित बोर्ड के बीच आपस में समन्वय है।
चानू ने कहा, ‘‘उजबेकिस्तान और कजाखस्तान के मुक्केबाजों के पास दमखम के साथ आत्मविश्वास भी है। उजबेकिस्तान, कजाखस्तान और तुर्कमेनिस्तान जैसे देश विभिन्न आयुवर्ग के लिये साथ में अभ्यास और प्रतिस्पर्धा शिविर लगाते हैं। इससे कम उम्र में ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने जैसा अनुभव मिल जाता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ी बहु राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में ही अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजों का सामना करते हैं।''
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने यहां जूनियर लड़के और लड़कियों के लिये भारतीय खेल प्राधिकरण की जूनियर मुक्केबाजी अकादमी में शिविर का आयोजन किया था।