सलकनपुर
चैत्र नवरात्रि को लेकर प्रसिद्ध विजयासन धाम सलकनपुर पर तैयारियां शुरू हो गई है. व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए सीहोर कलेक्टर प्रवीण कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी सलकनपुर पहुंचे. आगामी नौ अप्रैल से चैत्र नवरात्री पर सलकनपुर देवीधाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाओं के संबंध में कलेक्टर प्रवीण सिंह और एसपी मयंक अवस्थी ने सलकनपुर देवीधाम में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि सभी व्यवस्थाएं इस प्रकार से की जाए कि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. सभी श्रद्धालु सुविधाजनक ढंग से पूजा-अर्चना कर सकें. कलेक्टर प्रवीण कुमार सिंह और एसपी मयंक अवस्थी ने मंदिर परिसर का निरीक्षण भी किया. कलेक्टर प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर परिसर ऊपर तक निजी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे. मंदिर परिसर तक केवल अधिकृत बस और टैक्सी वाहनों का संचालन होगा.
अस्थाई आईसीयू अस्पताल बनाने के निर्देश
श्रद्धालु अपने निजी वाहन नीचे पार्क कर इन अधिकृत टैक्सी वाहनों से मंदिर परिसर तक जा सकेंगे. कलेक्टर प्रवीण सिंह ने नव रात्रि पर्व के दौरान कुबेरेश्वर धाम की तरह ही अस्थाई रूप से आईसीयू अस्पताल बनाने के निर्देश भी दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हेल्थ कैंप लगाए जाएंगे, ताकि चिकित्सा की आवश्यकता पड़ने पर तत्काल रूप से मेडिकल सहायता प्रदान की जा सके. उन्होंने इमरजेंसी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर एंबुलेंस की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए.
बाहरी बसों के लिए अस्थायी बस स्टैंड
कलेक्टर प्रवीण सिंह और एसपी मंयक अवस्थी ने बाहर से आने वाली बसों की पार्किंग के लिए अस्थाई बस स्टैंड बनाने के निर्देश दिए, ताकि सड़क पर बसों से होने वाले ट्रैफिक को व्यवस्थित और नियंत्रित किया जा सके. उन्होंने कहा कि बाहरी वाहनों को मुख्य मार्ग से अलग खड़ा करने के लिए पर्याप्त स्थान होने पर जाम नहीं लगेगा और वहानों का आवगम सुगमता से होगा. इसके साथ निजी वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान पर पार्किंग बनाने के निर्देश दिए.
मुख्य स्थानों पर हेल्प डेस्क
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कहा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में कोई परेशानी न हो, इसके लिए मुख्य स्थानों पर हेल्प डेस्क बनाया जाए. उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में कन्ट्रोल रूम बनाया जाए, ताकि ड्यूटी के दौरान सभी अधिकारी-कर्मचारी सतत सम्पर्क में रहें.