रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया ने आज एक बार फिर से भाजपा तथा केन्द्र सरकार पर तीखा हमला किया।
कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए श्री पुनिया ने कहा कि एक बार फिर से भाजपा, मोदी सरकार और उत्तराखंड सरकार ने मिलकर अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के आरक्षक के मौलिक अधिकार पर शरारतपूर्ण, षडय़ंत्रकारी व घिनौना हमला किया है। इसका सबूत उत्तराखंड भाजपा सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दी गई दलील है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि एसटी, एससी वर्गों को संविधान में सरकारी नौकरियों में आरक्षक का मौलिक अधिकार नहीं है। यहां तक भी कहा गया कि एसटी, एससी वर्गों को सरकारी नौकरी में आरक्षक देने के प्रति सरकारों की कोई संवैधानिक जवाबदेही नहीं है। भारत सरकार की इस संविधान तथा एसटी, एससी विरोधी दलील को सुप्रीम कोर्ट ने भी दुर्भाग्यवश स्वीकार कर लिया तथा अपने निर्णय में कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण देना या न देना सरकार की मर्जी पर निर्भर है। अब यह साफ है कि भाजपा आरक्षक के संविधान निहित अधिकार को ही पूरी तरह से खत्म कर देना चाहती है। मोदी सरकार आरक्षण व्यवस्था तोडऩे पर संसद को गुमराह कर रही है। आज संसद में एक बार फिर मोदी सरकार का एसटी, एससी, ओबीसी के खिलाफ पूर्वाग्रहव षडय़ंत्र सामने आया है, जब आरक्षक तोडऩे की दलील देने पर देश से माफी मांगने के बजाए मोदी सरकार ने अपना पल्ला झाड़ इल्जामात की राजनीति शुरू कर दी।
कांग्रसे ने एसटी, एससी सबप्लान के माध्यम से गरीब को सरकारों के बजट में जनसंख्या के अनुपात के आधार पर हिस्सेदारी की शुरूआत की थी। मोदी जी ने पिछले 55 सालों में उस अधिकार को ही खत्म कर दिया। भाजपा सरकार में अनुसूचित जाति की सरकारी नौकरियों की संख्या ही लगभग 90 प्रतिशत कम हो गई। यही नहीं अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित नौकरियों के बैगलॉग को भी नहीं भरा जा रहा है।