Home राज्यों से पूर्णिया छोड़ने से बेहतर आत्महत्या कर लेना: पप्पू यादव

पूर्णिया छोड़ने से बेहतर आत्महत्या कर लेना: पप्पू यादव

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पूर्णिया
पूर्णिया लोकसभा सीट पर लालू यादव की राजद और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान पर पप्पू यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पूर्णिया छोड़ने से बेहतर होगा आत्महत्या कर लेना। पूर्व सांसद पूर्णिया से चुनाव लड़ने के अपने स्टैंड पर कायम हैं। उन्होंने कांग्रेस लीडर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के पाले में बॉल डाल दिया है कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व कि इस मामले जल्द कोई फैसला ले। पप्पू यादव ने पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने के मकसद से ही अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया लेकिन। लेकिन, लालू यादव ने जदयू छोड़कर आरजेडी में आई बीमा भारती को इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए सिंबल दे दिया है। बीमा भारती 3 अप्रैल को नामांकन दाखिल करने वाली है। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में पूर्णिया में 25 अप्रैल को मतदान होगा।

मिडिया से बात करते हुए गुरुवार को पप्पू यादव ने कहा कि समाज के पिछड़े, शोषित और दलित जनता के लिए मैं चालीस सालों से संघर्ष कर रहा हूं। मेरी बात पहले ही लालू यादव से हो गयी थी। वह मेरे पिता के समान हैं। मैनें कह दिया था कि पूर्णिया से अलग चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं हूं। उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भी से बात होने की चर्चा की। कहा कि सीमांचल और कोसी की जनता पप्पू यादव को बच्चे की तरह से देखती है। पूर्णिया से हमारा भगवान और भक्त का रिश्ता है। पूर्णिया जाति, धर्म, मजहब, बैकवार्ड, फॉरवार्ड जैसी चीजों से ऊपर उठ चुका है। पप्पू यादव यहां हर परिवार की उम्मीद है। मेरी प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी पूर्णिया के साथ  है।

पप्पू यादव ने कहा कि मैंने चालीस सालों के संघर्ष की कमाई एक बड़ी पार्टी को बड़े कॉज के लिए समर्पत कर दिया है। मेरी सारी उम्मीदें दिल्ली में बैठे बड़े नेताओं पर टिकी हैं। वे सारी चीजों को देख रहे हैं। मैं मधेपुरा या सुपौल नहीं जा सकता। पूर्णिया को छोड़ने के लिए अगर कोई कहता है तो उससे बेहतर होगा आत्महत्या करना या जहर खा लेना। उन्होंने इस बात को दोहराते हुए कहा कि पूर्णिया मेरी मां है। इसे छोड़ने की नौबत आई तो आत्महत्या करके खत्म हो जाना बेहतर होगा। लालू यादव का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा- मैं हाथ जोड़कर विनय करता हूं कि एक बार अपने फैसले पर विचार कर लें। इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस नेतृत्व को करना है। मैं तो अपने घर में बैठा हूं।

पूर्व सांसद ने कहा कि पूर्णिया की जनता से खासकर गरीब तबके से पूछ लीजिए कि पप्पू यादव को अपना भाई मानता है कि नहीं। उन लोगों की उम्मीद मुझसे है जिसे कभी खत्म नहीं कर सकता है। मैं किसी भी कीमत पर पूर्णिया नहीं छोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया में रहते हुए आस पास के कई लोकसभा क्षेत्रों के लिए पार्टी का काम करूंगा।

 

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