Home छत्तीसगढ़ अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सी खाद्य सामग्री थी दूषित

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सी खाद्य सामग्री थी दूषित

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बलरामपुर

सनावल, रामचंद्रपुर, डिंडो तथा बागड़ा अस्पताल क्षेत्र में 14 गांव के 125 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए हैं जिनमें से 40 लोगो को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम यह जानकारी जुटाने लगा हुआ है कि कृषि मंत्री रामविचार नेताम के द्वारा गृहग्राम सनावल में आयोजित होली मिलन समारोह में वे ऐसी कौन सी खाद्य सामग्री का सेवन किए गए थे जिससे वे डायरिया से पीड़ित हुए।

बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डा बसंत सिंह के नेतृत्व में जिले के विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रभावितों के उपचार में लगाया गया है। अंबिकापुर के निजी अस्पतालों के अलावा जिला अस्पताल बलरामपुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजंगज के अलावा पड़ोसी प्रान्त उत्तर प्रदेश के दुद्धी अस्पताल में भी डायरिया पीड़ित सनावल क्षेत्र के कई लोग भर्ती होकर उपचार करा रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सनावल, रामचंद्रपुर के अलावा बगड़ा और डिंडो के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की अत्यधिक संख्या को देखते हुए जमीन पर दरी बिछाकर सभी का उपचार किया जा रहा है। अभी भी ओपीडी में उपचार के लिए डायरिया पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। लगातार दस्त से कमजोरी, हाथ-पैर में ऐंठन की शिकायत है। सभी मरीजों को ड्रीप चढ़ाया जा रहा है। सीएमएचओ के साथ विशेषज्ञ चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी अस्पताल और उससे लगे परिसर के अस्थाई शिविर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

मामला कृषि मंत्री रामविचार नेताम के द्वारा गृहग्राम सनावल में आयोजित होली मिलन समारोह का है जहां भोजन कर उनके गृह क्षेत्र के लोग डायरिया की चपेट में हैं। कृषि मंत्री नेताम भी स्थानीय चिकित्सकों से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। सनवाल अस्पताल में भर्ती मरीजों ने बताया कि होली से एक दिन पूर्व सनावल में क्षेत्रीय विधायक और कृषि मंत्री राम विचार नेताम द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। इस समारोह में क्षेत्रवासियों को भी आमंत्रित किया गया था। लोगों ने यहां जमकर होली खेली थी। होली के उमंग उल्लास के साथ अलग-अलग प्रकार के पकवान भी बनाए गए थे। इन्हीं में से किसी पकवान के सेवन के बाद सभी की तबीयत बिगड़ी है। चिकित्सकों का भी मानना है कि एक ही खाद्य सामग्री अथवा पानी के सेवन से डायरिया हुआ है। यह सीधे-सीधे फूड प्वाइजनिंग का मामला है। सभी पीड़ितों की शिकायत एक ही है, सभी को दस्त हो रहा है लगातार दस्त से कमजोरी महसूस हो रही है। उपचार के बाद पीड़ितों के स्वास्थ्य में सुधार भी हो रहा है।

बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बसंत सिंह ने बताया कि रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत कुल 87 गांव आते हैं। इसमें से सनवाल -रामचंद्रपुर क्षेत्र के 14 गांव के लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि सनावल, रामचंद्रपुर, डिंडो तथा बागड़ा अस्पताल में कुल 125 पीड़ित लोग आए थे। इनमें से 40 लोगों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है । अभी भी 85 लोगों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सी खाद्य सामग्री दूषित थी ,इसके लिए खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग से भी मदद ली जाएगी। उसके बाद ही स्पष्ट होगा कि फूड प्वाइजनिंग किस कारण से हुआ।

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