इस्लामाबाद
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में मंगलवार को आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें चीन के 5 इंजीनियर मारे गए थे। इसके अलावा उनका एक पाकिस्तानी मूल का ड्राइवर भी मारा गया था। इस हमले ने पाकिस्तान में रह रहे उन चीनी कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो विभिन्न प्रोजेक्ट्स में लगे हुए हैं। इस हमले के बाद चीन ने पाकिस्तान से विस्तार से जांच करने को कहा है और दोषियों को सजा देने की मांग की है। वहीं इस हमले ने पाकिस्तान की सरकार को बैकफुट पर ला दिया है।
हाल यह था कि आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ खुद इस्लामाबाद स्थित चीनी दूतावास पहुंचे। आमतौर पर ऐसा कम ही होता है कि किसी देश का पीएम अपने ही मुल्क में बने दूसरे राष्ट्र के दूतावास में इस तरह सफाई देने जाए। शहबाज शरीफ के साथ उनकी कैबिनेट के कई मंत्री भी मौजूद थे। डॉन न्यूज के मुताबिक शहबाज शरीफ ने चीनी दूतावास में कहा कि आप राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हमारे संदेश कहें और बताएं कि हम इस हमले से बेहद दुखी हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि हम इस मामले की हाई लेवल जांच कराएंगे।
इससे पहले 2021 में भी चीनी नागरिकों पर हमला हुआ था, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। कराची यूनिवर्सिटी में भी चीनी मूल के लोगों पर अटैक हो चुका है। इसके चलते चीन चिंतित रहा है और ऐसा लगातार होना पाकिस्तान के साथ उसकी दोस्ती पर भी असर डालता है। दरअसल चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर के नाम पर पाक में बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है, लेकिन बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे प्रातों के लोगों का मानना है कि हमारे संसाधनों का बेजा इस्तेमाल हो रहा है। इसी के चलते ऐसे हमले होते रहे हैं। कई बार इस तरह के हमलों में बलूच संगठनों का हाथ सामने आया है।
इस बीच हमलों को रोकने में फेल रही पाकिस्तान की सेना इसके पीछे विदेशी हाथ बता रही है। पाकिस्तानी सेना के पीआर विंग आईएसपीआर ने बयान जारी कर कहा है कि ऐसे हमलों में विदेशी हाथ हैं। सेना ने कहा कि कुछ दिन पहले ही ग्वादर और तुरबत में भी रणनीतिक ठिकानों पर हमले हुए हैं। हमारी दोस्ती को तोड़ने की कोशिश हो रही है और अहम रणनीतिक ठिकानों पर निशाने साधे जा रहे हैं। इससे साफ है कि इन हमलों में विदेशी हाथ है, जो नहीं चाहते कि पाकिस्तान में स्थिरता बनी रहे।