भाई दूज साल में दो बार मनाया जाता है, एक दिवाली के बाद आने वाली दूज में और एक होली की दूज में। भाई दूज का त्योहार भाई -बहन का प्रमुख त्योहार है। हिंदी के पंचांग के अनुासर यह द्वितीयी तिथि को मनाया जाता है। होली प्रतिपदा को रंगों की होली होती है। और उसके बाद चैत्र मास की दूज को होली की भैया दूज मनाते हैं। इसे भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
कब है होली भाई दूज
होली भाई दूज सब जगह नहीं, कहीं-कहीं मनाईजाती है। इस साल भाई दूज की तारीख को लेकर भी असंमजस की स्थिति है। दरअसल इस बार होलीकी पूर्णिमा 25 मार्च को दोपहर तक हुई, इसके बाद प्रतिपदा आज खत्म होगी। अब द्वितीया तिथि कल यानी उदयातिथि के अनुसार 27 मार्च को होगी, इसलिए इसी दिन होली की भाई दूज मनाई जाएगी।
क्या है महत्व
भगवान यम और यमुना की कथा के बाद, भाई दूज पूरे देश में मनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। होली के बाद भाई का तिलक करके होली की भाई दूज मनाई जाती है। जिससे उसे सभी प्रकार के संकटों से बचाया जा सके। शास्त्रों के अनुसार होली के अगले दिन भाई को तिलक करने से उसे सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।
होली भाई दूज शुभ मुहूर्त-
द्वितीया तिथि प्रारम्भ – 26 मार्च 2024 को दोपहर 02 बजकर 55 मिनट से
27 मार्च 2024 को शाम 05 बजकर 06 मिनट तक