नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 15 से 22 दिसंबर, 2021 तक वर्चुअल मोड में बजट 2022-23 के लिए हुईं बजट-पूर्व परामर्श बैठकों की अध्यक्षता की। इस अवधि के दौरान हुई 8 बैठकों में 7 हितधारक समूहों का प्रतिनिधित्व करते हुए 120 आमंत्रित लोगों ने भाग लिया। हितधारक समूहों में कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण उद्योग; उद्योग, इन्फ्रास्ट्रक्चर और जलवायु परिवर्तन; वित्त क्षेत्र और पूंजी बाजार; सेवा एवं व्यापार; सामाजिक क्षेत्र; ट्रेड यूनियन एवं श्रम संगठन के प्रतिनिधियों व विशेषज्ञों और अर्थशास्त्री शामिल थे। बैठकों के दौरान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और डॉ. भागवत किशनराव कराद, वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन, डीईए सचिव अजय सेठ, डीआईपीएएम सचिव तुहीन कांत पांडे, वित्तीय सेवा सचिव देबाशिष पांडा, कॉरपोरेट कार्य सचिव राजेश वर्मा, राजस्व सचिव तरुण बजाज और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। अन्य मंत्रालयों/ विभागों के सचिवों ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। हितधारक समूहों ने विभिन्न मुद्दों पर कई सुझाव दिए, जिसमें आरएंडडी व्यय में बढ़ोतरी, डिजिटल सेवाओं का इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा, हाइड्रोजन भंडारण और फ्यूल सेल विकास को प्रोत्साहन, आयकर स्लैब को व्यवस्थित करना, ऑनलाइन सुरक्षा उपायों में निवेश आदि शामिल थे। प्रतिभागियों ने महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को संभालने और भारत को सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से किए गए प्रयासों के लिए सरकार की सराहना की। वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने बहुमूल्य सुझाव देने के लिए प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया और भरोसा दिलाया कि बजट 2022-23 तैयार करते समय उनके सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा।