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भारतीय रेलवे साल 2047 तक 4,500 वंदे भारत ट्रेनों को लेकर आएगा : PM मोदी

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नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत के बुनियादी ढांचे के विकास, खासकर भारतीय रेलवे विकास के रोडमैप पर बात की. पीएम मोदी ने अगले पांच साल में भारतीय रेलवे में होने वाले विकास के बारे में बात की.

25,000 करोड़ की बुलेट ट्रेनें
भारतीय रेलवे के विकास के रोडमैप के मुताबिक, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरिडोर लिमिटेड की बुलेट ट्रेन परियोजना को वित्त मंत्रालय से वित्त शेयर का सबसे बड़ा हिस्सा आवंटित किया गया है. इस परियोजना के लिए फंड को 19,592 करोड़ से बढ़ाकर 25,000 करोड़ कर दिया गया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद मुंबई से अहमदाबाद के बीच यात्री 3 घंटे कम में सफर तय कर सकेंगे.

4,500 वंदे भारत ट्रेनों का प्लान
बुलेट ट्रेन के अलावा, भारतीय रेलवे साल 2047 तक 4,500 वंदे भारत ट्रेनों को लेकर आएगा. अभी देश में कुल 82 वंदे भारत ट्रेनें पटरियों पर दौड़ रही हैं. इसी के साथ, सरकार द्वारा 2024-25 वित्तीय वर्ष तक करीब 50 नई अमृत भारत ट्रेनों को चलाने का ऐलान किया गया है. भारतीय रेलवे द्वारा, इस किस्म की 1000 नई ट्रेनों के निर्माण और 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले मॉडल विकसित करने की बात कही गई है.

1,309 स्टेशनों का होगा पुनर्विकास
वहीं, केंद्र सरकार की अमृत भारत स्कीम के तहत करीब 1,309 स्टेशनों के विकास का कार्य भी जारी है. इस स्कीम के तहत  रेलवे स्टेशनों पर सुविधाओं, साफ-सफाई, मुफ्त वाई-फाई और विकलांग यात्रियों के लिए प्रावधानों में सुधार की ओर भारतीय रेलवे द्वारा कार्य किया जा रहा है. वहीं, वेटिंग लिस्ट को पूरी तरह रोकने की दिशा में भी भारतीय रेलवे काम कर रहा है. भारतीय रेलवे साल 2030 तक वेटिंग लिस्ट को पूरी तरह खत्म करने के लिए  दैनिक ट्रेन यात्राओं के फेरे को 3000 तक बढ़ाने की योजना कर रहा है. इस मांग को पूरा करने के लिए पुराने रोलिंग स्टॉक को 7,000-8,000 नए ट्रेन सेट से बदलने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है.

प्रमुख रेलवे कॉरिडोर्स पर भीड़भाड़ से राहत पाने के उद्देश्य से, भारतीय रेलवे द्वारा सात उच्च-घनत्व लाइनों पर मल्टी-ट्रैकिंग को लक्षित करने के लिए 4.2 लाख करोड़, 10-वर्षीय योजना का प्रस्ताव दिया है. इसमें फ्लाईओवर और अंडरपास के निर्माण के साथ-साथ यातायात की मांग के आधार पर ट्रैक को दोगुना और यहां तक ​​कि ट्रिपल करने की योजना भी शामिल है. यात्री अनुभव को और बेहतर बनाने के लक्ष्य से करीब 40,000 ट्रेन बोगियों में बदलाव करके उनमें वंदे भारत ट्रेनों के बराबर की गुणवत्ता प्रदान करने के लिए रेलवे द्वारा काम किया जाएगा. इसमें कुल 15,200 करोड़ की लागत आएगी.

महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय रेल योजना 2030 का लक्ष्य नए समर्पित माल ढुलाई और उच्च गति रेल गलियारों की पहचान करना और मालगाड़ियों की औसत गति को 50 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाना है. राष्ट्रीय रेल योजना (एनआरपी) का लक्ष्य एक व्यापक ढांचा विकसित करना है जो 2050 तक माल परिवहन में रेलवे की मॉडल हिस्सेदारी को 45% तक बढ़ाने का है.

 

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